वसीम जाफर भारतीय घरेलू सर्किट में एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जो इतिहास में 10 रणजी ट्रॉफी विजेता टीमों का हिस्सा रह चुके हैं|
40 साल की उम्र में भी, वह बहुत ही मज़बूती से बल्लेबाज़ी कर रहे है और उन्होंने दूसरी बार एक सीजन में 1000 से अधिक रन बनाये हैं| इसमें कोई आश्चर्य नहीं हैं कि, उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में विदर्भ टीम का रूप-रंग ही बदल दिया है| लेकिन दिग्गज के पास युवाओं के लिए एक अजीब सा सुझाव है और वह है कि युवा उनके जैसे क्रिकेटरों को फॉलो न करे|
रेडिफ से बात करते हुए जाफर ने कहा हैं कि, “ईमानदारी से कहूँ तो युवा खिलाड़ियों के लिए हमे (चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और जाफर को) फॉलो करना मूर्खता होगी| हम ऐसे समय में खेले हैं, जहाँ शायद ही कोई टी20 क्रिकेट था, लेकिन आज के समय में बहुत ज्यादा टी20 क्रिकेट है| वे हमारी तरह खेल सकते हैं, लेकिन उनके पास टी20 कौशल भी होना चाहिए|"
वसीम जाफ़र को भी लगता है कि घरेलू सर्किट में केवल आंकड़े बढ़ाने से किसी खिलाड़ी के लिए राष्ट्रीय टीम में जगह बनाना पर्याप्त नहीं है और उसके पास अद्वितीय टी20 कौशल होना चाहिए|
वसीम जाफ़र ने कहा हैं कि,“यह इस प्रकार है कि सिस्टम अब काम कर रहा है| जमाना बदल गया है| आज के समय में, मुझे लगता है कि एक खिलाड़ी के पास टी20 कौशल होना चाहिए अन्यथा वह क्रिकेट में जीवित नहीं रह सकता हैं| रणजी ट्रॉफी या दलीप ट्रॉफी या ईरानी ट्रॉफी में आप कितना भी रन बना लें, अगर आपके पास बल्लेबाजी या गेंदबाजी में टी20 कौशल नहीं है, तो आप अपने करियर में बहुत दूर नहीं जा सकते हैं|"
जाफर ने नवोदित क्रिकेटरों के पक्ष में ये भी कहा कि यह उनकी गलती नहीं है कि वे टी20 क्रिकेट को प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि आजकल आईपीएल को ही सारा महत्व दिया जाता है|
विदर्भ के बल्लेबाज़ ने कहा हैं कि, "जाहिर है कि, वे उस पर गौर करते हैं और वे टी20 क्रिकेट के अनुसार अपने खेल को प्राथमिकता देते हैं, जो मुझे नहीं लगता कि यह उनकी गलती है| इस प्रकार यह प्रणाली अब काम करती है और वे ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं| उन्हें पता है कि अगर वे आईपीएल में नहीं खेलते हैं, तो वे बहुत दूर तक नहीं जा सकते हैं| आईपीएल उन्हें भारतीय टीम के लिए चुनने के लिए बेंचमार्क देता है| इसके लिए आप उन्हें दोष नहीं दे, सकते क्योंकि आपके पास टी20 कौशल होने की आवश्यकता है अन्यथा आप बहुत अधिक क्रिकेट खेलने नहीं खेल सकते हैं|"