ईरानी कप जैसे टूर्नामेंटों को रणजी ट्रॉफी के बाद आयोजित किये जाने के साथ ही घरेलू कैलेंडर के शेड्यूल की कठोर आलोचना की जा रही हैं| शेड्यूलिंग के मुद्दे को हल करने के लिए, पूर्व भारतीय बल्लेबाज संदीप पाटिल का कहना हैं कि यह ऐसे मुद्दे हैं, जिसके बारे में केवल खिलाड़ी ही बोल सकते हैं|
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष पाटिल ने कहा हैं कि, "यह उन खिलाड़ियों के बारे में है जिन्हें इस बारे में कुछ कहना चाहिए| इन दिनों, खिलाड़ी आईपीएल के लिए खुद को बचा के रखते हैं| सीजन अब व्यावहारिक रूप से खत्म हो गया है| ऑस्ट्रेलियाई टीम यहाँ केवल कुछ सीमित ओवरों के मैच खेलेगी| आधुनिक दौर के क्रिकेट जिस गति और दिशा में जा रहे हैं, इन टूर्नामेंटों को पुनर्जीवित करना मुश्किल है|"
उन्होंने कहा हैं कि, "घरेलू क्रिकेट का महत्व काफी कम हो गया है| इसमें भाग लेने वाले (शीर्ष) खिलाड़ियों की अक्षमता ने इसे खत्म कर दिया हैं| हमारे समय में, ईरानी और दलीप टूर्नमेंट्स चयन मैच थे| चयनकर्ता इन खेलों के बाद टीमों का चुनाव करते थे| अब, वे इन खेलों के लिए चिंतित नहीं हैं| यह दुखद है और हमने बोर्ड में चार से पांच साल पहले इस पर चर्चा भी की थी, जब सौरव गांगुली टूर एंड फिक्सेशन कमेटी के अध्यक्ष थे| जब तक बीसीसीआई इस पर कोई कठोर रुख नहीं अपनाएगा, तब तक कुछ नहीं सुधरेगा|"
62 वर्षीय पाटिल ने इस तरह के महत्वपूर्ण टूर्नामेंटों को नजरअंदाज करने के परिणाम के बारे में भी बताया हैं| उन्होंने कहा हैं कि,“जब तक आप घरेलू क्रिकेट के मानक में सुधार नहीं करते हैं, तब तक आपको उत्तम दर्जे के खिलाड़ी नहीं मिलेंगे| अगर दूसरे क्रिकेटर्स घरेलू क्रिकेट में खेलते रहेंगे, तो चयनकर्ता किसे चुनेंगे? घरेलू क्रिकेट को देखने में कोई मज़ा नहीं आएगा| एक समय आएगा जब आपके पास अच्छे प्रतिस्थापन उपलब्ध होंगे|"