पूर्व महान भारतीय कपिल देव ने ऑस्ट्रेलिया में भारतीय तेज गेंदबाजों के प्रदर्शन की तारीफ करते हुए उसे 'अविश्वसनीय' करार दिया|
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार कपिल ने मौजूदा भारतीय तेज गेंदबाजों के प्रदर्शन के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि, “खूबसूरत, बेहतरीन, पिछले 15 महीनों में किसी टीम की तेज गेंदबाजी ने इतना अच्छा प्रदर्शन नहीं किया| भारतीय टीम ने बहुत अच्छा किया है| मुझे और कुछ कहने की जरूरत ही नहीं है, ये वाकई में अविश्वसनीय है|"
कपिल ने कहा हैं कि, “क्या धोनी का हमेशा शांत रहना खेल के लिए अच्छा या बुरा था? हर कप्तान अपने साथ अपनी सोच को लाता है, ये आप के ऊपर निर्भर करता है कि आप उसे स्वीकार करते हैं या नहीं| जब तक वह मैदान पर प्रदर्शन कर रहा है, आप दो लोगों के एक जैसे होने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं| हम आखिर किसी की तुलना कर ही क्यों रहे हैं| उसके प्रदर्शन की आलोचना करें, आपकी पसंद-नापसंद अलग है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता हैं| जब तक टीम इंडिया जीत रही है, मैं इसे देखने के लिए उत्साहित रहूँगा|"
दिग्गज आल-राउंडर ने कहा कि, “भारत में तेज गेंदबाजों को आते देखना बहुत ही अलग है| एक भारतीय तेज गेंदबाज को आगे आकर शानदार प्रदर्शन करता देख, कभी कभी तो लगता हैं, कि वे ये कैसे कर लेते हैं| लेकिन मुझे लगता है कि ये परंपरा बदने का समय है, एक तेज गेंदबाज शानदार को सकता है|"
उन्होंने कहा कि, “ये पिछले दो साल नहीं, बल्कि पिछले 20 सालों की कड़ी मेहनत का फल है| परिणाम एक ही रात में नहीं मिलते हैं| अब हमने मानकों को बहुत ऊँचा कर दिया है| अब आप और तेज गेंदबाजों को देखेंगे, बेहतर खिलाड़ी आते रहेंगे क्योंकि टीम इंडिया का ट्रेंड बेहतर होता जा रहा है|"
कपिल ने खिलाड़ियों के लिए तैयारी के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह कठिन और ईमानदारी से अभ्यास करने के लिए महत्वपूर्ण था|
उन्होंने कहा हैं कि, “हर मैच में आपको खुद को तैयार करना होगा, आप यह नहीं कहेंगे कि टेस्ट मैच के कारण मुझे अधिक तैयारी करनी होगी| जब आप सोचने लगते हैं कि टेस्ट मैच है, तो आप अधिक दबाव डाल रहे हैं| आप सर्वश्रेष्ठ देने नहीं जा रहे हैं| आपका प्रयास ईमानदारी से होना चाहिए और फिर इसे उस दिन छोड़ दें जब आप खेलते हैं| कठिन अभ्यास और ईमानदारी से किया प्रयास महत्वपूर्ण है|"
पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा हैं कि,“विराट कोहली इतने अच्छे खिलाड़ी हैं| आखिरी टेस्ट में वह शून्य पर आउट हुए थे, उनका कोई इरादा नहीं था जीरो पर आउट होने का, लेकिन अच्छे खिलाड़ी भी शून्य पर आउट होते हैं, लेकिन मैदान पर कड़ी मेहनत करनी चाहिए और यही मायने रखता है|"