ऑस्ट्रेलिया के पर्थ टेस्ट में अपनी पहली पारी में 326 रन बनाने के बाद, भारत की शुरुआत कुछ खास नहीं रही, क्योंकि जोश हैज़लवुड और मिशेल स्टार्क द्वारा केएल राहुल और मुरली विजय के क्रमशः विकेट गिरा दिए गए थे|
जिसके बाद टीम को अच्छी स्तिथि में लाने का जिम्मा एक बार फिर से भारतीय कप्तान विराट कोहली पर था| 30 वर्षीय के लिए स्तिथि को मज़बूत करना आसान नहीं था| हालांकि, कोहली के पास भी सबसे अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता है| एक समय पर, भारत 5.1 ओवरों में 8/2 पर था| फिर भी, दिल्ली के इस क्रिकेटर की अन्य योजनाएं थीं और उन्होंने हेज़लवुड में अपना दाँव लगाया और ऑस्ट्रेलियाई लोगों के लिए आश्चर्यचकित साबित हुए| कोहली ने अपनी पारी की शुरुआत में ही तेज गेंदबाज की गेंद पर तीन चौके जड़ डाले|
10वें ओवर की पहली गेंद में, हैज़लवुड ने यॉर्कर डालने कोशिश की, लेकिन यह हाल्फ-वॉली में बदल गया| कोहली लगभग गेंद को बुरी तरह से हिट कर रहे थे| उन्होंने अपनी आंखों के नीचे गेंद से मुलाकात की और गेंद मिड-ऑन और मिड-विकेट के बीच से सीमा तक चली गई| फील्डर ने गेंद का पीछा किया, लेकिन उन्हें सफलता हाथ न लगी|
दूसरी गेंद में, जोश ने अपनी लंबाई बदलने और फुल-पिच डिलीवरी आउट करने की कोशिश की| खेल की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, यह एक सभ्य गेंद थी और स्ट्रोक खेलना जोखिम भरा होता, लेकिन फिर भी, विराट ने चुनौती को स्वीकार किया और मिड ऑफ के माध्यम से एक ड्राइव खेला| फील्डर ने इस गेंद को रोकने के लिए एक बहादुर प्रयास किया, लेकिन उनके ये प्रयास भी व्यर्थ गए|
गेंद बाद में पैड पर थी और कोहली ने फिर से इस पर जोर दिया| हैज़लवुड ने पूरी तरह से गेंद डाली और भारतीय कप्तान ने नज़रे ऊपर करते हुए गेंद को देखा| यह स्ट्रोक पहली बाउंड्री के समान ही था| फील्डर को गेंद को सीमा पार जाने से रोकने का कोई मौका नहीं मिला| भारत ने निश्चित रूप से उस समय राहत की सांस ली होगी, क्योंकि उस स्तिथि में भारत को पारी में गति को बढ़ाने के लिए किसी ऐसे ही खिलाड़ी की जरूरत थी|
3 boundaries in a Josh Hazlewood over. Take a bow Virat Kohli ????#AUSvIND pic.twitter.com/mU0O4USSQj
— Deepak Raj Verma (@drv05dt18) December 15, 2018