प्रशासकों की समिति (सीओए) के सदस्य विनोद राय और डायना एडुलजी के बीच खुली लड़ाई हो रही हैं, जो मंगलवार (12 दिसंबर) को और तीव्र तब हो गई, जब उनके बीच आदान-प्रदान किये गए मेल सार्वजनिक हो गए थे|
इस मामले की बिगड़ती स्थिति, विशेष रूप से सीओए के प्रभारी होने के बाद, अब भारतीय क्रिकेट के महान लोगों को परेशान करना शुरू कर रहा है| बुधवार को, पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए बताया हैं कि, "बीसीसीआई की घटनाएं हमारे जैसे पूर्व क्रिकेटरों के लिए चिंता का विषय बन गई हैं| राष्ट्रीय टीमों के कोचों की नियुक्ति और बर्खास्तगी से पता चलता है कि बोर्ड में प्रशासन पूरी तरह से गड़बड़ हो गया हैं और इसी तरह भारतीय क्रिकेट भी है| जिस तरह से इन चीज़ो से निपटा जा रहा हैं, सीओए एक उपहास का पात्र बन गया हैं|"
अक्टूबर में, पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त निकाय के काम करने के तरीको की आलोचना की थी| पूर्व भारतीय कप्तान डायना एडुलजी और सीओए प्रमुख विनोद राय के बीच आदान-प्रदान किये गए मेलों से यह भी पता चला कि पिछले साल बीसीसीआई के लेग स्पिन महान अनिल कुंबले को बर्खास्त करने और उनकी जगह कप्तान विराट कोहली के आदेश पर पूरी तरह से भारत शासक के रूप में रवि शास्त्री को नियुक्त किया गया था|
वेंगसरकर ने कहा हैं कि, "मैं वास्तव में नहीं जानता हूँ, कि क्या हो रहा है| क्या कोच को नियुक्त करना और बर्खास्त करना सीओए के अधिकार-क्षेत्र के तहतआता है? मुझे लगता है कि कोच को बर्खास्त करना गलत है, क्योंकि कप्तान कोच के खिलाफ कुछ कह रहा है और कप्तान की इच्छा हैं इसलिए कोच को नियुक्त किया जा रहा हैं, ये भी गलत हैं| यह पूरी तरह से एक प्रशासनिक निर्णय होना चाहिए| मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि खिलाड़ी इस मामले में कैसे शामिल हो सकते हैं|"