सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त की गई प्रशासकों की समिति (सीओए) ने गुरुवार को कहा हैं कि वे विवादास्पद वीडियो देखेंगे, जिसमें भारतीय कप्तान विराट कोहली को भारतीय टीम का समर्थन न करने के लिए एक प्रशंसक को विदेश जाने के लिए कहने के लिए आलोचना करते हुए देखा गया हैं|
एक सूत्र ने एएनआई को बताया हैं कि, "सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त कि गई प्रशासकों की समिति (सीओए) इस मामले को देखेंगी|" यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा हैं और कोहली की प्रशंसकों के लिए की अपनी टिप्पणियों के लिए आलोचना की जा रही हैं| कोहली ने 5 नवंबर को अपने जन्मदिन पर अपने नए लॉन्च किए गए एप्लिकेशन के लिए प्रचार वीडियो रिकॉर्ड किया था|
कोहली ने एक ऐसे उपयोगकर्ता का संदेश देखा था, जिसने लिखा था कि, "वह (विराट कोहली) एक ओवर रेटेड बल्लेबाज है| उनकी बल्लेबाजी में कुछ भी खास नहीं लगता है| मुझे इन भारतीय खिलाड़ियों की तुलना में अंग्रेजी और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को और अधिक देखने का आनंद मिलता है|"
नाराज कोहली ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, "मुझे नहीं लगता कि आपको भारत में रहना चाहिए| जाओ और कहीं और रहो| आप हमारे देश में क्यों रहते हैं और दूसरे देशों से प्यार करते हैं? मुझे बुरा नहीं लगता कि तुम मुझे पसंद नहीं करते हो| मुझे नहीं लगता कि आपको हमारे देश में रहना चाहिए और अन्य चीजों को पसंद करना चाहिए| अपनी प्राथमिकताओं के अधिकार को प्राप्त करें|"
क्रिकेट बिरादरी ने इस तरह की विचित्र टिप्पणियां करने के लिए कप्तान विराट की भी आलोचना की हैं| क्रिकेट कमेंटेटर हर्षा भोगले ने अपने ट्वीट में लिखा था कि, "विराट कोहली का बयान उस असत्य का प्रतिबिंब है, जिसमे ज्यादातर प्रसिद्ध लोग या तो फिसल जाते हैं या फिर मजबूर हो जाते हैं| इसके अंदर की आवाज़ अक्सर वो होती हैं जिन्हें वे सुनना चाहते हैं| यह एक आरामदायक असत्य है और यही कारण है कि मशहूर लोगों को इसे बनाने से रोकने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए|"
भोगले ने आगे लिखा कि,"यही कारण है कि विपरीत विचारों इतने ज्यादा फैसले हुए हैं| शक्ति और प्रसिद्धि उन लोगों को आकर्षित करती है, जो आपके साथ सहमत हैं और आपकी राय को मजबूत करते हैं, क्योंकि उन्हें प्रसिद्धि की निकटता और शक्ति से लाभ मिलता हैं|"