भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर इन दिनों विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर अपने मुखर विचारो के लिए जाने जा रहे हैं|
दरअसल, अफवाहें ये भी हैं कि उनकी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में खड़े होने की संभावना है| सोशल मीडिया पर किसी भी मुद्दे के बारे में बात करते समय उन्होंने कभी भी किसी शब्द को बोलने में हिचकिचाहट नहीं दिखाई हैं|
हाल ही में, पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को भारत और विंडीज के बीच पहले T20I के शुरू होने से पहले ईडन गार्डन में घंटी बजाने का सम्मान दिया गया था| जिसके बाद गंभीर ने बंगाल क्रिकेट संघ की आलोचना की थी, जिसका नेतृत्व सौरव गांगुली ने किया हैं| अजहर के खिलाफ गंभीर मैच फिक्सिंग के आरोप लगये थे और बीसीसीआई ने साल 2012 में इसे पलट देने से पहले उन्हें जीवन प्रतिबंध सौंप दिया था|
गंभीर ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि, "भारत ने आज ईडन में मैच जीता है, लेकिन मुझे खेद है कि बीसीसीआई, सीओए और सीएबी हार गए| ऐसा लगता है कि भ्रष्ट के खिलाफ कोई सहिष्णुता नीति रविवार को छुट्टी नहीं लेती है| मुझे पता है कि उन्हें एचसीए चुनाव लड़ने की इजाजत थी, लेकिन फिर यह चौंकाने वाला था| घंटी बज रही है, उम्मीद है कि शक्तिया इसे सुन रही हैं|"
उन्हें अपनी इस विवादास्पद पोस्ट के लिए प्रशंसा और आलोचना दोनों मिली| हालांकि, इस बीच एक पत्रकार ने इस विषय पर उनके पाखंड की ओर संकेत किया| उस पत्रकार ने चार साल पहले की एक पोस्ट शेयर की, जिसमे गंभीर को अजहर के साथ एक ही मंच साझा करते हुए देखा जा सकता हैं| साथ ही इस तस्वीर में उन्हें वहाँ उपस्थित अन्य अतिथियों के साथ हंसते हुए भी देखा जा सकता हैं| इसलिए यह विश्वास करना मुश्किल है कि क्या उनकी ये चिंताए असली हैं या राजनीतिक लाभ के चलते वे इसे उजागर कर रहे हैं|
पत्रकार जी राजारामन ने अपनी पोस्ट के माध्यम से गंभीर के बयान में अनियमितताओं की ओर संकेत किया हैं|
I wonder if Mr Gambhir would spearhead a campaign to make match-fixing a criminal offence. The day he does that, he would be doing real service to sport. And to the nation.
— G Rajaraman (@g_rajaraman) November 5, 2018
Clearly, he had no issues sharing platforms and a laugh back in 2014. So what happened now? https://t.co/uFO5c0j3fs
— G Rajaraman (@g_rajaraman) November 5, 2018