विंडीज और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की T20I टीम से एमएस धोनी को भरा करने के चयनकर्ताओं के फैसले के बाद बहुत सारे तर्क देखने को मिले|
पिछले कुछ सालो से अनुभवी विकेटकीपर-बल्लेबाज खासा फॉर्म में नहीं हैं, जिसके चलते कई बार उनकी आलोचना भी की गई हैं| हालांकि उन्हें खेल के सबसे बेहतरीन फिनिशर में से एक के रूप में सम्मानित किया गया है, इस तथ्य से कोई भी अनजान नहीं हैं कि धोनी की क्षमताओं में कमी आई है|
कई लोगो का मानना हैं कि चयनकर्ताओं के इस फैसले के बाद धोनी के T20I करियर का अंत आ गया हैं| जबकि कुछ का मानना है कि उन्हें केवल आराम दिया गया है, यहां तक कि चयनकर्ताओं ने भी इस दृष्टिकोण को बनाए रखा है| वही अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि धोनी अब भारत के लिए सबसे कम प्रारूप में हिस्सा नहीं ले पाएंगे|
उनमें से पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर का मानना हैं कि धोनी का टीम से बाहर निकलना सामयिक हैं, क्योंकि टीम इंडिया को को युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज के लिए रास्ता तय करने की जरूरत है, जो एक फिनिशर की भूमिका निभा सकते हैं, जिनका नाम हैं रिषभ पंत|
जब उनसे यह पुछा गया कि T20I टीम से धोनी को निकालने का फैसला सही था, तो गावस्कर ने कहा कि, "धोनी जानते है कि वह 2020 में विश्व T20 का हिस्सा नहीं होंगे, इसलिए उन्होंने पूरी भारतीय क्रिकेट के अच्छे के बारे में सोचा और ऋषभ पंत को T20 में अधिक अनुभव हासिल करने का मौका दिया| आईपीएल में पंत का असाधारण T20 रिकॉर्ड है| इसलिए यही कारण है कि उन्होंने खुद को अनुपलब्ध बना दिया है|"
स्पोर्टस्टार से बात करते हुए महान बल्लेबाज गावस्कर ने कहा हैं कि, "मैं भी चाहता हूँ, कि धोनी झारखंड के लिए जो भी मैच कर सके, वह खेलना जारी रखे, क्योंकि इससे वह मैच अभ्यास कर पाएंगे| 35 से अधिक उम्र के लोगों के लिए, उन्हें बदलावों को बनाए रखने के लिए लगातार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना होगा| इसलिए यदि वह जनवरी तक जितना संभव हो उतना क्रिकेट खेले, तो भारतीय क्रिकेट इससे फायदे में होगा|"