मुंबई के पूर्व कप्तान शिशिर हट्टंगडी ने शुक्रवार को कहा हैं कि वह बीसीसीआई के सीईओ राहुल जोहरी के खिलाफ गवाही देने के लिए तैयार हैं, जिन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है|
हट्टंगडी ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए बताया हैं कि वह जौहरी से नहीं मिले हैं और उन्होंने केवल प्रमाण देने का फैसला किया हैं, क्योंकि यह अपने मित्र की ज़रूरत में मदद करने के लिए उनकी "नैतिक जिम्मेदारी" है|
हट्टंगडी ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि, "अगर बीसीसीआई राहुल जौहरी के बारे में जानकारी चाहते हैं तो मुझे उनकी सहायता करने में खुशी होगी| मैं एक पूर्व कप्तान के रूप में इसमें शामिल हो रहा हूँ|"
बाद में एक और ट्वीट करते हुए हट्टंगडी ने लिखा कि व्यक्ति बोर्ड से ऊपर नहीं हो सकता हैं और कैसर की पत्नी को संदेह से ऊपर होना चाहिए| हट्टंगडी टाइम्स ऑफ़ इंडिया को विवरण में बताया हैं कि कैसे पीड़िता ने जौहरी के खिलाफ मदद के लिए उनसे संपर्क किया था|
उन्होंने कहा हैं कि, "मिस एक्स मेरे पास पहुंची और कहा कि मैंने बीसीसीआई सीईओ की स्थिति में रहते हुए इस सज्जन के साथ इसका अनुभव किया है| मैं क्या कर सकती हूँ, क्या आप मेरी मदद कर सकते हैं? मैंने कहा हाँ, मैं सीओए सदस्यों से बात करूंगा| मैंने एक सीओए सदस्य से बात की और उनसे उससे बात करने का अनुरोध किया और उसे कागज पर लाया गया और मामला वही समाप्त हो गया| और फिर मैंने बीसीसीआई को भी ट्वीट भी किया था, कि मुझे इस मुद्दे में शामिल होने और गवाही देने या आपसे बात करने में खुशी है|"
हट्टंगडी ने पीड़ित से ये भी अनुरोध किया कि वह कागज पर अपने आरोपों को दस्तावेज करे| उन्होंने बताया कि, "मैंने महिला से सीओए को पत्र लिखने के लिए कहा, क्योंकि जो भी आप कहते हैं उसे दस्तावेज और तीन सदस्यीय समिति को प्रस्तुत किया जाना चाहिए| आप अटकलों के क्षेत्र में कुछ भी नहीं छोड़ सकते हैं| अगर किसी ने किया हैं, तो यह उससे बहस करने का आरोप है| लेकिन अगर आपने ये कहा हैं, तो आपको यह दस्तावेज़ पर लाना होगा|"
हट्टंगडी ने उन दावों को भी खारिज कर दिया हैं, जिसमे ये कहा गया हैं कि जौहरी को दोषी ठहरना उनका एक मकसद है|
उन्होंने आगे कहा कि, "यह जानकारी निश्चित रूप से हानिकारक है| मुझे एडम से राहुल जोहरी को नहीं जनता हूँ| मैंने कभी भी अपने जीवन में उनसे मुलाकात नहीं की है और न ही मेरा ऐसा करने का कोई इरादा हैं| हालांकि, जब कोई दोस्त मेरे पास आता है, तो ये मारा फ़र्ज़ बनता हैं कि मैं उसे उस मुद्दे के अनुसार सलाह दूँ| मैं प्रशासकों के पास भी पहुँचा और कहा कि मैं इस मुद्दे पर मुझसे सवाल करने के लिए मैं उपलब्ध हूँ|"