मोहम्मद सिराज की माँ के इस एक गलत फैसले से नहीं होते वो आज भारतीय तेज़ गेंदबाज़

मोहम्मद सिराज अपने माता-पिता के साथ | PTI

जरा सोचिये कि पिता एक ऑटो रिक्शा चालक है, मां घरेलू सहायक है, बड़ा भाई एक होशियार छात्र है, जो अपनी इंजीनियरिंग की पढाई कर रहा है और छोटा भाई क्रिकेट खेलने के लिए पागल हैं|

ऐसी स्थिति में, जहाँ परिवार एक-दूसरे की मौजूदगी में अपना जीवन व्यतीत कर रहा है, वहाँ खेल के लिए जुनून स्वाभाविक रूप से बहुत ही आखिर में आएगा, लेकिन भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने भारत के तेज गेंदबाज होने का अपना सपना पूरा किया हैं|

साल 2015 में अपनी पहली औपचारिक गेंदबाजी करने के दो साल बाद ही, दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने 6 करोड़ रुपये में T20 अनुबंध को हासिल कर लिया था| उसी साल राजकोट में न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्हें भारत के T20 मैच डेब्यू करने का मौका मिला था| तब से, वह भारत की वनडे और टेस्ट टीम की सीमा को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं|

सिराज के शानदार उदय ने अपने परिवार को, विशेष रूप से उनकी 44 वर्षीय मां शबाना को आश्चर्यचकित कर दिया हैं| मिड-डे की रिपोर्ट के अनुसार उनकी माँ शबाना ने कहा कि, "मैं उसे क्रिकेट छोड़ने के लिए डांटा करती थी और और उसमें डर भी पैदा करती थी| मैं चाहती थी कि वह अपनी पढाई पर ध्यान केंद्रित करे| पढ़ेगा  तो बहुत पैसा भी काम लेगा| यहाँ हमेशा वित्तीय संकट रहता था और मैं नहीं चाहती थी कि सिराज क्रिकेट में अपना समय बर्बाद करे| हमारे पास कोई भी व्यक्ति नहीं था जिसने हमारे परिवार में ये खेल खेला था| हम अपने भविष्य के बारे में चिंतित थे, लेकिन मैं विश्वास नहीं कर सकती हूँ, कि वह अपने खेल में कितना अच्छा हो गया हैं|"

सिराज के परिवार के सदस्य वेस्टइंडीज के खिलाफ मौजूदा दूसरे टेस्ट में नहीं आए हैं क्योंकि उनके बड़े बेटे इस्माइल को अपने हाथ की सर्जरी करानी पड़ी थी| केवल सिराज के भाई को ही ये पता होता था कि वह कहां क्रिकेट खेलता था| शबाना ने बताया कि, "हम सुबह उठते थे और पता चलता था कि सिराज घर से गायब हैं| भले ही बारिश हो रही हो या मौसम ख़राब हो, वह क्रिकेट खेल रहा होता था| क्रिकेट उसके लिए एक जूनून है|"

अपने बेटे की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उन्नति के बाद, सिराज की मां को उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए मना करने पर पछतावा हुआ| उन्होंने बताया कि, "मुझे बुरा लगता है| मैंने उससे भी माफ़ी मांगी है| मुझे इस बात का एहसास नहीं था कि आप क्रिकेट के माध्यम से भी सफल जीवन जी सकते हैं| हमारे लिए, यह सिर्फ एक खेल था, जीवन का साधन नहीं| लेकिन मुझे खुशी है कि मेरे बेटे के पास ये है| हम खेल में करियर बनाते हैं| हम इतने प्रतिभा और कौशल के साथ अपने बेटे को आशीर्वाद देने के लिए पर्याप्त रूप से अल्लाह का शुक्रिया अदा नहीं कर सकते हैं| मैं सिर्फ एक ही क्रिकेट खिलाड़ी की प्रशंसक हूँ और वो हैं मेरा बेटा है|"

 
 

By Pooja Soni - 13 Oct, 2018

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