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सुनील गावस्कर ने किया खुलासा कि मूछें रखने से कैसे उन्हें होता था फायदा

सुनील गावस्कर ने किया खुलासा कि मूछें रखने से कैसे उन्हें होता था फायदा

सुनील गावस्कर १९८४ के एशिया कप ट्रॉफी के साथ

एशिया कप 2018 का 'आगाज हो चुका हैं| 15 सितंबर से शुरू हुए इस टूर्नामेंट में तीन मैचों का आयोजन किया जा चुका हैं| 

इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया अपने अभियान का आगाज मंगलवार (17 सितम्बर) को हांगकांग के खिलाफ मैच खेल कर करेगी| इसके पहले पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने 34 साल बाद एशिया कप से जुड़े एक किस्से का खुलासा किया है|

सोमवार को इंडिया टूडे से बात करते हुए भारतीय दिग्गज खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने बताया हैं कि वो पहले मूंछें रखा करते थे, लेकिन साल 1984 एशिया कप के दौरान उन्होंने अपनी मूछें कटवा ली थी| गावस्कर ने खुद मूंछ रखने के पीछे के राज का खुलासा किया हैं|

उन्होंने कहा हैं कि, "उस समय मैच सुबह-सुबह जल्दी शुरू हो जाता था| जिसकी वजह उन्हें सोने का समय कम मिल पाता था| इसलिए उन्हें मूंछ के बहाने 5 मिनट थोड़ा ज्यादा सोने का समय मिल जाता था, क्योंकि मूंछ को संवारने का बहाना कर 5 मिनट का समय मिल जाया करता था|"

गावस्कर ने कहा कि, "मूंछ रखना और उसे सही तरीके से संभालना आसान बात नहीं है| मूंछ के पीछे ज्यादा वक्त देना पड़ता था| मूंछ संवारने के बहाने 5 मिनट ज्यादा सोने को मिल जाता था और यही  मेरे लिए उस समय सबसे बड़ी फायदे की बात थी|"

गावस्कर ने इस तथ्य पर भी निराशा व्यक्त की हैं कि शारजाह क्रिकेट स्टेडियम में मैचों का आयोजन नहीं किया जा रहा है, जिस स्थान पर कुछ क्लासिक भारत-पाकिस्तान के मैच खेले गए हैं|

'दिग्गजों की नज़र से' सेशन के दौरान उन्होंने आगे कहा हैं कि, "संयुक्त अरब अमीरात में क्रिकेट के लिए पहली लौ शारजाह में जलाई गई थी| यही कारण है कि शारजाह उन स्थानों में से एक होना चाहिए| आपको वह ज्यादा भीड़ मिलती है और  स्टेडियम अधिक सुलभ भी है| मैं निराश हूँ कि शारजाह  एशियाई कप 2018 के किसी भी गेम की मेजबानी नहीं कर रहा है| अगर शारजाह को एशिया कप में एक या दो खेल मिलते, तो यह उचित होता|"

 
 

By Pooja Soni - 18 Sep, 2018

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