करतारपुर साहिब सीमा पर पाकिस्तान के साथ वार्ता शुरू करने के लिए अधिकारियों को प्रोत्साहित करने के एक अन्य प्रयास में, पूर्व भारतीय क्रिकेट स्टार नवजोत सिंह सिधू ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को एक पत्र लिखा है|
जियो टीवी की रिपोर्ट के अनुसार सिधू ने लिखा हैं कि, "जब अवसर दरवाज़े पर हो तो कृपया कदम उठाएं और दरवाजा खोलें| पाकिस्तान ने करतारपुर साहिब गलियारे की लम्बे समय से रुके हुए मांग की ओर सकारात्मक प्रयोजन का प्रदर्शन किया हैं|"
सिधू ने यह भी लिखा हैं कि सिख तीर्थयात्री वर्षों से गलियारे को खोले जाने की इच्छा रखते हैं| लेकिन, उन्होंने आगे कहा हैं कि, इस मामले पर प्रगति तब हुई जब उन्होंने प्रधान मंत्री इमरान के शपथ ग्रहण समारोह के लिए पाकिस्तान का दौरा किया|
यहां तक कि सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने भी कहा हैं कि सिख तीर्थयात्रियों के बिना किसी भी वीजा की आवश्यकता के गलियारा खोला जाएगा, जो गुरु नानक की 550 वीं जयंती पर वहाँ जायेंगे| भारत के लिए इस बेहद भावनात्मक मुद्दे पर सकारात्मक कदम उठाने का समय है|
गलियारे के ऐतिहासिक महत्व के बारे में सिधू ने कहा हैं कि भारत में रहने वाले सिख 1947 के विभाजन के बाद से पाकिस्तान में पवित्र मंदिरों की यात्रा करने के लिए वीजे पर आश्रित हैं|
भारतीय पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री ने कहा हैं कि, "पाकिस्तान में छोड़े गए विभिन्न ऐतिहासिक गुरुद्वारों में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब बहुत महत्वपूर्ण है| यह वो जगह है जहां गुरु नानक देव ने अपने जीवन के लगभग 18 साल बिताए थे| गुरुद्वारा साहिब अंतरराष्ट्रीय सीमा के बहुत करीब है|"
अपने पत्र में, सिधू ने यह भी लिखा है कि गलियारे का उद्घाटन दुनिया भर में सिखों के लिए एक अच्छी खबर होगी| उनके अनुसार दशकों तक पड़ोसियों के साथ कटु संबंध होने के बावजूद यह कदम बाधाओं को तोड़ सकता है और भारत और पाकिस्तान के बीच पुलों का निर्माण कर सकता है| करतारपुर गुरुद्वारा भारतीय सीमा के पास नरोवाल जिले में स्थित है|
जब सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा बाद में पाकिस्तान की यात्रा के दौरान सिधू से मिले थे, तो उन्होंने गुरु नानक की जयंती के लिए 2019 में सीमा खोलने के संकेत दिए थे