रोहन गावस्कर के अनुसार पूर्वोत्तर टीमों को घर पर बढ़ी प्रतिभा को विकसित करना चाहिए

रोहन गावस्कर | Getty

रोहन गावस्कर ने रणजी ट्रॉफी में बंगाल का प्रतिनिधित्व किया हैं और उन्होंने 117 मैचों में से 44.19 कि औसत से  6938 प्रथम श्रेणी रन बनाये है| हालांकि, उन्होंने इस बात पर गौर किया हैं कि फुटबॉल उन हिस्सों में उनका पहला पसंदीदा खेला हैं| 

फ्रेंचाइजी से बाहर निकलने से पहले आई-लीग में पुणे एफसी में एक हितधारक रहे रोहन ने गुरुवार को स्पोर्टस्टार से बात करते हुए कहा हैं कि, "उत्तर पूर्व में बड़ी फुटबॉलिंग प्रतिभा है| यह देश के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलरों का उत्पादन करता है और वहां इस खेल के लिए एक बहुत ज्यादा जुनून है|"

पूर्व भारतीय बाएं हाथ के खिलाड़ी ने कहा हैं कि, "जब एक बच्चा उत्तर पूर्व में खेलना शुरू कर देता है, तो उसका पहला झुकाव गेंद को मारना होता है| स्वाभाविक रूप से उसका रुझान उसकी ओर हो जाता हैं| उनमें से कुछ को क्रिकेट में बदलने में समय लगेगा, यह आसान नहीं होगा|"
 
असम, जहा से कुछ आशाजनक क्रिकेटरों उभरे हैं, एक राज्य जो लंबे समय से रणजी ट्रॉफी में रहा है| 42 वर्षीय रोहन ने कहा हैं कि, "कुछ अच्छे तेज गेंदबाज असम से भी आए हैं| अबू नेचिम, जो मुंबई इंडियंस के लिए खेले हैं, उनमें से एक है| दूसरा जो मुझे याद है वो हैं सुजय तरफदार|"
 
लेकिन फिर, असम जैसे राज्यों ने भी रणजी ट्रॉफी में आउटस्टेशन खिलाड़ियों पर काफी भरोसा दिखाया हैं| रोहन ने कहा हैं कि, "मुझे लगता है कि वहाँ संतुलन होना चाहिए| आउटस्टेशन खिलाड़ी उनके साथ विशेषज्ञता लाते हैं, लेकिन इसके साथ ही घर पर बढ़ी प्रतिभा विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए|"

 
 

By Pooja Soni - 07 Sep, 2018

    Share Via