बीसीसीआई घरेलु चुनौतियो के लिए हैं तैयार

बीसीसीआई | getty

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) 2018-19 सत्र में 2017 मैचों के आयोजन की चुनौती के लिए तैयार है| 

लेकिन रणजी ट्रॉफी में नौ नई टीमों को समायोजित करने का अभ्यास थोड़ा परेशान करने वाला काम है| अरुणाचल प्रदेश, बिहार, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पुडुचेरी, सिक्किम और उत्तराखंड की टीमें नवंबर में रणजी ट्रॉफी में अपना डेब्यू करेंगी| वे सितंबर में होने वाली विजय हजारे ट्रॉफी में शामिल होकर लेकर अभिजात वर्ग के साथ अपनी यात्रा की शुरुआत करेंगे |

बोर्ड के पात्रता नियमों के आधार पर खिलाड़ियों के पंजीकरण से उनके दावों को समाशोधन करने के लिए, बीसीसीआई के बैकरूम स्टाफ इस अवसर पर उभरने के लिए उग्र रूप से व्यस्त रहे हैं| The Hindu की रिपोर्ट के अनुसार बोर्ड के एक अनुभवी अधिकारी ने कहा हैं कि, "यह एक विनम्र नौकरी है, लेकिन बीसीसीआई को बुनियादी ढांचे और आयोजन कौशल को वितरित करने पर गर्व है|"

यहां तक ​​कि कुछ टीमें इसमें हिस्सा लेकर स्थानीय प्रतिभा को प्रोत्साहित करेंगी| साथ ही अधिकारी ने पुष्टि की हैं कि, "निवास नियम किसी खिलाड़ी को जन्म लेने के लिए अर्हता प्राप्त करने की अनुमति देता है या वह राज्य का निवासी है|"

हालांकि, कुछ अधिकारियों ने तीन अतिथि / पेशेवर खिलाड़ियों का चुनाव करने के लिए चल रही प्रक्रिया पर संदेह जताया हैं| उन्होंने आगे बताया हैं कि, "यह वह क्षेत्र है जहां बीसीसीआई को कड़ी नजर रखना होगा| आम तौर पर एक पेशेवर खिलाड़ी वह है जो ड्रेसिंग रूम में समृद्ध अनुभव को लाता है| यदि इन नई टीमों ने मेहमानों के रूप में रूकी खिलाड़ियों का ड्राफ्ट तैयार किया हैं, तो इसका उद्देश्य ख़राब हो जायेगा|"

 
 

By Pooja Soni - 31 Aug, 2018

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