2018-19 के लिए भारतीय घरेलू क्रिकेट सत्र कि शुरुआत अभी तक नहीं हुई हैं, लेकिन इस प्रतियोगिता कि शुरुआत से पहले ही ये काफी सुर्खियों में बना हुआ हैं |
हालांकि, ये खबरे अच्छी खबरे नहीं हैं, बल्कि भारतीय घरेलू क्रिकेट की नकारात्मकता हो दर्शा रही हैं, जो कि भारतीय क्रिकेट के लिए एक चिंताजनक विषय हैं | कुछ दिनों पहले ही मुंबई क्रिकेट की एक अलग ही छवि देखने को मिली थी, जिसके चलते सभी उंगलिया चयनकर्ताओं पर उठाई जा रही हैं |
यदि जल्द से जल्द इस मसले का निपटारा नहीं किया गया तो मुंबई क्रिकेट भी पूरी तरह से भ्रष्टाचार की चपेट में आयेगा | इस खबर को सुनने के बाद पूर्व भारतीय क्रिकेटर और राष्ट्रीय चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर, जो कि ग्रीस में छुट्टिया मना रहे थे, ने इस मुद्दे पर टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करने के लिए समय निकला हैं |
उन्होंने कहा हैं कि, "यह घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है | ऐसा मुंबई क्रिकेट के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ | यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण हिस्सा है कि चयनकर्ताओं को उन खिलाड़ियों का चयन करना पड़ा, जिनका उन्होंने पहले चयन किया था | यह पहली बार है कि जब उन्होंने ऐसा किया हैं |"
भारतीय दिग्गज को मुंबई चयनकर्ताओं द्वारा कथित रूप से प्रदर्शित प्रतिबद्धता की कमी के चलते स्थानीय मैचों को नहीं देखने और खिलाड़ियों की प्रतिभा को मंजूरी देने पर काफी निराशा हुई हैं |
उन्होंने कहा हैं कि, "यदि चयनकर्ताओं के पास स्थानीय मैचों को देखने का समय नहीं है, तो उन्हें वहाँ होना ही नहीं चाहिए | अगर खिलाड़ियों को नहीं चुना जाता है क्योंकि चयनकर्ता अपने प्रदर्शन का पालन नहीं करते हैं, तो मुझे बहुत निराशा होगी |"