बीसीसीआई को लोढ़ा आयोग सिरफारिशो के मामले में मिली सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ी राहत

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बीसीसीआई को एक बड़ी राहत मिली हैं, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के संविधान के ड्राफ्ट tको कुछ संशोधनों के साथ मंजूरी दे दी है |

कोर्ट ने पूर्व के आदेश को संशोधित करते हुए सौराष्ट, वडोदरा, मुंबई और विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन को पूर्ण सदस्यता की मंजूरी दी है | साथ ही कोर्ट ने ‘एक राज्य, एक वोट’ की नीति में संशोधन किया हैं और रेलवे, सेना और विश्वविद्यालयों को भी पूर्ण सदस्यता प्रदान की है | कोर्ट ने 30 दिनों के अंदर ही  राज्य क्रिकेट संघों से बीसीसीआई का संविधान स्वीकार करने के लिए कहा हैं |

कोर्ट ने तमिलनाडु के रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटीज से बीसीसीआई के स्वीकृत संविधान को 4 हफ्ते के अंदर ही अपने रिकॉर्ड में लेने का आदेश दिया हैं | कोर्ट ने राज्य क्रिकेट संघों को आगाह किया हैं कि आदेश का पालन ना करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी |

बीसीसीआई ऑफिश बेयरर का पहले कूलिंग ऑफ पीरियड एक टर्म के बाद 3 साल का था, लेकिन  कोर्ट ने इसे 2 टर्म के लिए बदल दिया है | जिसका मतलब हैं कि अब दो बार ऑफिस बेयरर रहने के बाद 6 साल का कूलिंग पीरियड होगा | साथ ही 70 साल की उम्र का कैप, सरकारी अफसर और मंत्री वाली अयोग्यता अभी भी बनी रहेगी | बीसीसीआई में सुधार के लिए जस्टिस लोढ़ा की समिती ने कई सिफारिशें की थी, जिनमें संशोधन करने की बीसीसीआई की मांग पर कोर्ट ने ये फैसला दिया हैं |  

सर्वोच्च अदालत द्वारा बीसीसीआई में लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिए नियुक्त की गई प्रशासकों की समिति (सीओए) के अध्यक्ष विनोद राय ने हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान कहा था, कि वे बोर्ड के साथ मिलकर समिति की सिफारिशों को लागू करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह सफल नहीं हो पाए और इसी वजह से अंतत: उन्हें अदालत के पास जाना पड़ा | विनोद राय के अनुसार उनके और बोर्ड के सदस्यों के बीच सिफारिशों पर आम सहमति बनाने के सारे प्रयास एक तरीके से नाकाम ही रहे हैं |

 
 

By Pooja Soni - 09 Aug, 2018

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