घरेलू अंपायर ने परीक्षा पत्र में धांधली के आरोप लगाए

भारत में घरेलू कर्तव्यों के लिए अंपायरों को चुनने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए जाने के बाद, एक अंपायर ने प्रशासकों की समिति (सीओए) और बीसीसीआई के पदाधिकारियों को मेल भेजते हुए लिखा हैं कि जून 2018 में आयोजित परीक्षाओं में दिक्कत हुई थी | 

उन्होंने आरोप लगाया हैं, कि ऐसा ही साल 2017 में भी हुआ था और दावा किया था कि "रैकेट" पर इसकी पूरी जानकारी है | क्रिकेटनेक्स्ट की रिपोर्ट के अनुसार इस मेल में लिखा हैं कि, "महोदय, अंपायरिंग परीक्षा प्रश्न और उत्तर पहले से उम्मीदवारों को ज्ञात थे | जो कि जून 2018 परीक्षा में हुआ हैं | और ऐसा ही साल 2017 परीक्षा में भी हुआ था | कृपया नियुक्ति दें | मैं इसमें शामिल लोगों के नाम बता सकता हूँ और पुलिस या सीबीआई द्वारा आपराधिक जांच या लाभान्वित लोगों के नाम भी बता सकता हूँ | मैं इसमें शामिल लोगों के नाम बताने वाला पहला व्यक्ति हूँगा | जो पेपर सेट करने वाले लोगों के साथ शामिल हैं |"

"उम्मीदवारों को पहले से ही जवाब पता थे | उनके द्वारा परीक्षा से पहले तैयारी में 30 से 35 प्रश्नों को सुना गया था, जो कि परीक्षा में आये थे | बहुत सारी दुर्भावनापूर्ण गतिविधियां चल रही हैं | कृपया जल्द ही इस पर सख्त कदम उठाएं जाए, नहीं तो ये रैकेट अंपायरिंग को नष्ट कर देगा |"

जबकि सीओए ने अभी तक इस पर ध्यान नहीं दिया है,अंपायरों की उप समिति के एक सदस्य का कहना हैं कि यह समिति को पूरी प्रक्रिया से दूर रखने का नतीजा था | 

क्रिकेटनेक्स्ट से बात करते हुए उन्होंने बताया हैं कि, "यह लूप के बाहर अंपायरों की उप-समिति को रखने में प्रत्यक्ष गिरावट है | समिति अंपायरिंग से संबंधित सभी मामलों पर फैसले लेती हैं | संरचना ऐसी थी कि इन निर्णयों को लेने वाले पेशेवर समिति को प्रभावित करने में असमर्थ थे और चीजें निष्पक्ष और न्यायसंगत थीं | और अब वे यांत्रिकी आदि के बारे में भी अवगत नहीं हैं, जिससे अंपायर की उप-समिति शुरुआत में सौदा करेगी |"

 
 

By Pooja Soni - 18 Jul, 2018

    Share Via