शिवनारायण चंद्रपॉल के आँखों ने नीचे काले पैच लगाने का राज़ खुला

शिवनारायण चंद्रपॉल

टीम विंडीज क्रिकेट की दुनिया में एक उतर-चढ़ाव के काल के माध्यम से गुजर रही हैं |

एक समय था जब कैरेबियन खिलाड़ी विश्व क्रिकेट पर हावी हुआ करते थे | वर्तमान में, उन्होंने खेल के सबसे छोटे प्रारूप पर शासन करने में कामयाब रहे हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में नम्रतापूर्वक आत्मसमर्पण कर रहे हैं | बांग्लादेश पर उनकी हालिया टेस्ट जीत से उनके प्रशंसकों के लिए आशा की एक नई किरण पैदा हुई हैं | लेकिन यहाँ यह ध्यान देने योग्य है कि एक दशक पहले विंडीज टीम टेस्ट क्रिकेट में काफी मजबूत था | शिवनारायण चंद्रपॉल और रामनरेश सरवान जैसे खिलाड़ियों ने रैंकिंग में, प्रतिस्पर्धी टेस्ट क्रिकेटरों का केंद्र बना दिया था |
 
लेकिन जब से इन खिलाड़ियों ने इस मंच को छोड़ा हैं, तब से टेस्ट क्रिकेट में विंडीज़ टीम के लिए चीजें कमजोर सी लग रही हैं | खिलाड़ियों के बारे में बात की जाए तो, विशेष रूप से शिवनारायण चंद्रपॉल को वेस्टइंडीज के लिए सबसे लंबे प्रारूप में सर्वश्रेष्ठ आधुनिक क्रिकेटरों में से एक के रूप में जाना जाता हैं |  चंदरपॉल कई तरीकों से एक अद्वितीय खिलाड़ी थे | उनके पास एक अजीब बल्लेबाजी का अंदाज़ हुआ करता था जिसने उन्हें विश्व क्रिकेट में आकर्षण का केंद्र बना दिया था |

इसके अलावा, क्रिकेट कट्टरपंथियों ने अक्सर इस बारे में भी सोचा  कि उनकी आंखों के नीचे बने पैचेज का क्या मतलब हैं | जब भी शिवनारायण चंद्रपॉल राष्ट्रीय टीम के लिए मैदान पर खेलने आते थे, तो अक्सर उनकी आंखों के नीचे काले पैचेज हुआ करते थे | कुछ प्रशंसकों ने इसके बारे में अलग-अलग धारणाये बना ली थी, सब यही सोचते थे कि चंदरपॉल अपने गालों पर स्याही लगा के क्यों आये हैं |खैर, यहां कई क्रिकेट प्रशंसक हैं, जो उस रहस्य के पीछे के कारण को जानने के लिए उत्सुक हैं |

शिवनारायण चंद्रपॉल की आंखों के नीचे के ये गहरे काले पैचेज विरोधी चमकदार दाग हुआ करते थे | अमेरिकी फुटबॉल को फॉलो करने वाले लोग इन धब्बो के बारे में जानते हैं, क्योंकि उस कार्यक्रम में शामिल खिलाड़ी अक्सर इन पैचेज का उपयोग करते हैं | ये धब्बे आंखों के परिधीय क्षेत्र में प्रवेश करने वाली सूर्य की रोशनी की मात्रा को कम करने के लिए बनाये जाते हैं | यह एक विरोधी चमकदार चश्मे की तरह ही काम करता हैं | 

अपने खेल के दिनों में चंदरपॉल ने 'म्यूएलर' ब्रांड एंटी-ग्लैयर पैचेज का इस्तेमाल किया करते थे | एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम आईसीसी विश्वकप 2011 था,जब उन्हें इसका उपयोग नहीं करने के लिए कहा गया था |  

 
 

By Pooja Soni - 07 Jul, 2018

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