कभी गोलगप्पे बेचने वाला यह लड़का अब खेलेगा टीम इंडिया के लिए

यशस्वी जायसवाल | Facebook

कभी आपको अपना सपना जीने के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है और विपरीत परिस्थितियों से लड़कर उसे हासिल करना होता है। भारतीय अंडर-19 टीम के क्रिकेटर यशस्वी जायसवाल की कहानी कुछ ऐसी ही है। तमाम कठिनाइयों से पार पाते हुए आखिरकार वह देश के लिए खेलने का अपना सपना जीने जा रहे हैं। जायसवाल का चयन आगामी श्रीलंका दौरे के लिए भारतीय अंडर-19 टीम में हुआ है और वह जल्द ही टीम से जुड़ेंगे।

वैसे, यशस्वी की भारतीय टीम में चुने जाने की कहानी बेहद भावनात्मक और प्रेरणादायी है, जिसे जानकर क्रिकेट फैंस उनकी ज्यादा इज्जत करेंगे। यशस्वी तीन साल तक मुंबई में आजाद मैदान ग्राउंड पर ग्राउंड्समैन के साथ मुस्लिम यूनाइटेड के टेंट में रहे। उन्हें ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि आमतौर वह जिस डेयरी की दुकान पर सोते थे, वहां से उन्हें बाहर कर दिया गया था।

यशस्वी की उम्र तब महज 11 साल थी। हालांकि, उन्होंने कभी इसकी परवाह नहीं की और सिर्फ एक ही सपना देखते हुए अपने खेल पर ध्यान देते रहे कि उन्हें टीम इंडिया के लिए खेलना है। इस बात को अब 6 साल होने को आए हैं। 

17 वर्षीय मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज ने अपने खेल में गजब का सुधार किया है और वह श्रीलंका दौरे के लिए भारतीय अंडर-19 टीम से जुड़ने को तैयार हैं। मुंबई अंडर-19 कोच सतीश सामंत ने कहा कि जायसवाल का खेल असाधारण और अपरिहार्य फोकस है।  

यशस्वी अपना पेट पालने के लिए आजाद मैदान में राम लीला के दौरान पानी-पूरी (गोलगप्पे) बेचा करते थे और फल बेचने में मदद करते थे। मगर ऐसे भी दिन थे, जब उन्हें खाली पेट सोना पड़ता था क्योंकि जिन ग्राउंड्समैन के साथ वह रहते थे, वह आपस में लड़ाई करते थे। वह लोग खाना नहीं पकाते थे तो यशस्वी को अपनी भूख मारकर सोना पड़ता था।

 
 

By Akshit vedyan - 05 Jul, 2018

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