बीसीसीआई और सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनायी गयी समिति सीओंए के बीच जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है|
बीते 22 जून को बोर्ड के पदाधिकारियों ने सीओए की मर्जी के खिलाफ जाकर स्पेशल जनरल मीटिंग बुलाई और उसने कई प्रस्ताव पास किए| अब विनोद राय की अगुआई में सीओए ने इस मीटिंग को अवैध घोषित करते हुए इन प्रस्तावों को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया है|
इन्हीं प्रस्तावों में घरेलू क्रिकेटरों की तनख्वाह में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव भी था जिसे सीओए ने नकार दिया है|
सीओए का मानना है कि बोर्ड के अधिकारियों ने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए यह प्रस्ताव पारित किया था जिसकी कोई जरूरत नही है| हाल ही में सीओए ने मार्च महीने में इंटरनेशनल क्रिकेटरों की फीस में 100 फीसदी तक का इजाफा किया था जिसे बोर्ड की मीटिंग में भी मंजूर कर लिया गया है|
सीओए की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘यह मीटिंग प्रोटोकॉल की खिलाफ थी लिहाजा इसे रद्द माना जाएगा | यह प्रस्ताव बोर्ड के अधिकारियों का एक पब्लिसिटी स्टंट मात्र है | क्रिकेटरों की तनख्वाह का जो प्रस्ताव सीओए ने पारित किया है वही मान्य होगा | ’