अब यो-यो टेस्ट के खिलाफ हुए भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव

टीम इंडिया | PTI

भारतीय क्रिकेट टीम में चयन के लिए यो-यो परीक्षण अनिवार्य बनाने के भारतीय टीम प्रबंधन के फैसले को कई पूर्व खिलाड़ियों ने गलत माना क्योंकि वे सोचते हैं कि यह परीक्षण किसी खिलाड़ी की क्षमताओं का न्याय करने का एकमात्र मापदंड नहीं हो सकता है।

अब कपिल देव भी इस लिस्ट में शामिल हो गये है जो यो-यो टेस्ट को टीम में सेलेक्ट होने का मापदंड नहीं मानते|

यो-यो परीक्षण का विरोध करने वाले पूर्व खिलाड़ियों के इस संघ में अब भारत के पूर्व किंवदंती कपिल देव से जुड़े गए हैं, जो अपने खेल के दिनों के दौरान सबसे अच्छे क्रिकेटरों में से एक थे।

उनके अनुसार, मैच फिटनेस मानदंड होना चाहिए जबकि यह तय करना चाहिए कि खिलाड़ी को खेलना चाहिए या नहीं। लंदन से टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, "यदि कोई खिलाड़ी फिट है, तो उसे खेलना चाहिए और कोई अन्य मानदंड नहीं होना चाहिए|"

उन्होंने कहा कि "यहां तक ​​कि फुटबॉल के महान खिलाड़ी डिएगो माराडोना सबसे तेज धावक नहीं थे लेकिन जब भी गेंद उनके पास होती वह सबसे तेज़ होते थे। इसी तरह हर क्रिकेट खिलाड़ी के पास फिटनेस ड्रिल का जवाब देने का एक अलग तरीका होता है|”

“एक गेंदबाज शायद यो-यो परीक्षण को आसानी से साफ़ कर सकता है एक बल्लेबाज के तूलना में। लेकिन यह किसी खिलाड़ी के खेलने को लेकर अंतिम परीक्षण नहीं है। यह मैदान पर आपके प्रदर्शन के लिए नीचे आता है और क्रिकेटरों को केवल अपने क्षेत्रीय प्रदर्शन के आधार पर ही फैसला किया जाना चाहिए|"

 
 

By Akshit vedyan - 29 Jun, 2018

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