यो-यो परीक्षण भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों के लिए एक अनिवार्य अभ्यास बन गया है| यह तब से ही किसी भी श्रृंखला से पहले खिलाड़ियों की फिटनेस निर्धारित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पैरामीटर के रूप में देखा जाता था जब अनिल कुंबले टीम के कोच थे। हालांकि, यह हमेशा टीम की घोषणा से पहले आयोजित किया जाता है।
दरअसल पहले अफ़ग़ानिस्तान टेस्ट के लिए चुने गए मोहम्मद शमी के फिटनेस टेस्ट में फेल होने के बाद इंग्लैंड दौरे पर वनडे टीम के लिए चुने गए अंबाती रायुडू को ‘यो-यो’ टेस्ट में फेल होने के बाद टीम से बाहर कर दिया गया है|
इस बात को लेकर बीसीसीआई की काफी आलोचना हो रही है कि आखिर चयन से पहले ही फिटनेस टेस्ट नहीं कराया गया|
अब बीसीसीआई के जनरल मैनेजर ( क्रिकेटे ऑपरेशंस ) सबा करीम का कहना है कि आईपीएल के चलते फिटनेस टेस्ट पहले नही कराया गया था और खिलाड़ियों के लॉजिस्टिक्स का इंतजाम करने के लिए टीम का ऐलान जल्दी किया गया|
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, सबा करीम का कहना है, ‘सुरेश रैना और युवराज सिंह के मामलों में आपने देखा होगा कि फिटनेस टेस्ट को चयन से पहले करा लिया गया था | चाहे इंडिया ए का चयन हो याफिर टीम इमडिया का, खिलाड़ियों को पता होता है कि फिटनेस्ट टेस्ट से गुजरने के बाद ही वह चयन का दावा पेश कर सकते हैं |’