कर्ण शर्मा का विदर्भ भविष्य हैं खतरे में

कर्ण शर्मा

लगभग 12 महीने पहले, जब कर्ण शर्मा विदर्भ में शामिल हुए थे, तो उन्हें केवल एक ही उम्मीद थी |

शर्मा, जिन्होंने साल 2014 में भारतीय जर्सी पहनी थी, एक अच्छी प्रतिस्पर्धी टीम के लिए खेलना चाहते थे, जो उन्हें अच्छी सुविधाएं प्रदान कर सकता है | जिसके बाद वे एक बार फिर से भारतीय टीम में वापसी करने की उम्मीद कर रहे हैं | यह शर्मा के करियर का एक महत्वपूर्ण चरण था | वह रेलवे के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रहा थे, लेकिन जब टीम संघर्ष कर रही थी, तब भी उनके प्रदर्शन को नज़रअंदाज़ कर दिया गया |

हालांकि, शर्मा ने जोखिम उठाया, क्योंकि वह चाहते थे कि भारतीय चयनकर्ता उनके रणजी ट्रॉफी जीतने के प्रयासों को  पर गौर करे | हर कोई केंद्र सरकार की नौकरी से इस्तीफा नहीं देता है, लेकिन उन्होंने देश के लिए एक बार फिर से खेलने के लिए ये बड़ा फैसला किया |

हालांकि वह पिछले साल रणजी ट्रॉफी जीतने वाली टीम का हिस्सा थे, लेकिन शर्मा सभी मैचों में नहीं खेल पाए थे | जिससे कि उनकी वापसी की संभावनाओं पर प्रभाव पड़ रहा हैं | हालांकि, विदर्भ कोच चंद्रकांत पंडित के लिए, टीम व्यक्तियों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है |

विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन के एक स्रोत ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए बताया हैं कि, "हम टीम चयन में हस्तक्षेप नहीं करते हैं | अंतिम इलेवन पर यह टीम प्रबंधन का ही फैसला होता हैं | वे टीम के सर्वोत्तम हित में ही फैसला करते हैं | उनके जैसे खिलाड़ी को टीम से बाहर रखना काफी मुश्किल था, लेकिन उनके स्थान पर जिस खिलाड़ी को लिया गया, उन्होंने उनकी भूमिका को बखूबी निभाया |"

जबकि शर्मा के पास अभी भी विदर्भ का अनुबंध है, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि उन्हें अगले सीजन में खेल में शामिल किया जायेगा | पिछले सीजन में बंगाल के खेल से पहले अपने घुटने को चोटिल करने बाद उनके स्थान पर आदित्य सर्वते को टीम में शामिल किया गया था |

ऑलराउंडर सर्वते ने भी पूरे सत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था और विदर्भ की जीत में अहम भूमिका निभाई थी | दाये हाथ के बल्लेबाज और बाएं हाथ के स्पिनर सर्वते का औसत रणजी ट्रॉफी में बल्ले के साथ 47.14 और गेंद के साथ 16.65 था |

सर्वते ने कहा हैं कि, "यह टीम का संयोजन है, जिससे कि शर्मा को प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा गया था  पंडित के लिए, टीम पहले महत्वपूर्ण हैं | वह सर्वश्रेष्ठ इलेवन का चयन किया था, जो कि मैच जीत सकते हैं | और अब तक के परिणाम उत्कृष्ट रहे हैं |"

भारत 'ए' और भारत यू -19 के सहायक कोच पद कि जजिम्मेदारी संभालने वाले म्हाम्ब्रे को बीसीसीआई से पूर्णकालिक अनुबंध मिला था और विदर्भ के पड़ से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था | जिसके बाद पंडित ने विदर्भ की जिम्मेदारी अपने ऊपर ली और उनके नेतृत्व में शर्मा सिर्फ चार मैचों में खेल सके थे |

म्हाम्ब्रे ने कहा हैं कि शर्मा को अपने विदर्भ के भविष्य के बारे में कोच और अन्य अधिकारियों से बात करनी चाहिए | उन्होंने कहा कि, "मैं इस बात पर टिप्पणी नहीं कर सकता हूँ, कि उसकी वर्तमान स्थिति क्या है, क्योंकि मुझे नहीं पता कि विदर्भ में क्या चल रहा हैं | मैं वीसीए में कर्ण या किसी के संपर्क में नहीं हूँ |"

उन्होंने आगे कहा कि, "तो, मुझे नहीं पता कि कर्ण ने इस बारे में चंदू भाई से बात की है या नहीं | अगर मैं उनके स्थान पर होता, तो मैंने भविष्य में कोच और टीम प्रबंधन के साथ इस पर चर्चा की होती, कि क्या मैं उनकी योजनाओं में फिट बैठता हूँ, कि नहीं | यदि नहीं तो फैसला करे |"

 
 

By Pooja Soni - 20 Jun, 2018

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