मोहम्मद शमी के यो-यो टेस्ट में फेल होने के बाद अफगानिस्तान टेस्ट मैच में नदीप सैनी को जगह दी गयी है|
नवदीप सैनी ने दिसंबर 2013 में रोशनआरा क्रिकेट मैदान पर दिल्ली की रणजी टीम के अभ्यास सत्र से पहले कभी लाल गेंद से गेंदबाजी नहीं की थी और 250 से 500 रुपये जेब खर्चे के लिए टेनिस बॉल टूर्नामेंट ही खेलते थे। लाल एसजी टेस्ट गेंद से गेंदबाजी का उन्हें कोई अनुभव नहीं था, लेकिन भारतीय अनुभवी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने उनकी मदद की।
नवदीप ने कहा 'टी-20 व वन डे के बाद सबसे बड़ी चाहत होती है कि टेस्ट में भी मौका मिले। टेस्ट में ही खिलाड़ी की असली टेस्ट होता है। अधिकारियों के विरोध के बावजूद सैनी दिल्ली की टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे। अधिकारी उन्हें हरियाणा का और बाहरी बताकर विरोध करते रहे, लेकिन गंभीर ने डीडीसीए अधिकारियों से लड़कर उन्हें टीम में शामिल कराया।'
सैनी को आइपीएल में आरसीबी ने तीन करोड़ रुपये में खरीदा था, लेकिन उन्हें मैच खेलने का अवसर नहीं मिला। इस पर नवदीप ने कहा कि 'मैच नहीं खेलने की वजह से उनके मनोबल पर कोई असर नहीं पड़ा। उनकी टीम में विश्व के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर थे |’
उन्होंने कहा कि ‘उनकी संगत से बहुत लाभ मिला। विराट भाई ने भी खूब सपोर्ट किया। सैनी सोमवार को करनाल में ही था। उसे फोन पर ही पता चला कि उसका चयन भारतीय टीम में हुआ गया। तुरंत दिल्ली से बेंगलुरु आने के लिए कहा गया |’