पीएमओ ने सचिन तेंदुलकर दवारा राहत निधि में दान की गई राशि की जानकारी साझा करने से किया इंकार

प्रधान मंत्री कार्यालय ने सूचना अधिकार अधिनियम के तहत पीएम के राष्ट्रीय राहत निधि में पूर्व राज्य सभा सदस्य सचिन तेंदुलकर के योगदान को जाहिर करने से इंकार कर दिया हैं, जिसमें तर्क ये दिया गया है कि विवरण की जानकारी को जाहिर करना गोपनीयता का उलंघन करना होगा |

तेंदुलकर ने स्वयं ही घोषणा की थी, कि उन्होंने राहत निधि में सभा में राज्यसभा सदस्य के रूप में प्राप्त वेतन से योगदान दिया था | एक सांसद के रूप में अपने छह वर्षों के कार्यकाल में, तेंदुलकर ने मासिक भत्ते सहित 90.97 लाख रुपये का कुल वेतन अर्जित किया था | इस साल अप्रैल में, उन्होंने घोषणा की हैं कि वह पीएम नेशनल रिलीफ फंड को अपना पूरा वेतन दान करेंगे |

डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के अनुसार पीएमओ ने एक पत्र जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि, "प्रधान मंत्री इस विचारशील भाव को स्वीकार करते हैं और उनका आभार भी व्यक्त करते हैं | ये योगदान संकट में व्यक्तियों को सहायता प्रदान करने में सहायता के लिए मदद करेगा |"

हालांकि, जब पीएमओ से आरटीआई ने पूछताछ करते हुए तेंदुलकर के पीएमएनआरएफ को अपना वेतन दान करने और दान के संबंध में पीएमओ द्वारा जारी पत्र की एक प्रति प्राप्त करने के लिए पीएमओ से मांग की तो, इसका जवाब देते हुए पीएमओ ने कहा हैं कि, "मांगी गई जानकारी आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 8 (i) (j) के तहत निजी हैं |"

शहर में स्थित आरटीआई कार्यकर्ता डी राकेश रेड्डी ने कहा हैं कि, "सचिन के दान करने की जानकारी क्रिकेटर द्वारा खुद सार्वजनिक कर दी गई थी और पूर्व वेतन के रूप में उनका वेतन पहले ही सार्वजनिक डोमेन में आता है | पीएमओ के लिए यह तर्कसंगत है कि पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में  मौजूद जानकारी किसी व्यक्ति की गोपनीयता के अनचाहे उलंघन का कारण कैसे बन सकती हैं |  पीएमओ के पास ऐसी जानकारी को छिपाने का कोई कारण नहीं है |"

 
 

By Pooja Soni - 01 Jun, 2018

    Share Via