पिछले रविवार को हुए सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ आईपीएल 2018 फाइनल मुकाबले में शेन वॉटसन के एक शानदार खिलाड़ी के रूप में उभरने में एक बड़ा हाथ चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान एमएस धोनी का था |
सभी जानते हैं कि वाटसन को हैमस्ट्रिंग की समस्या है, जिसके बाद धोनी ने यह सुनिश्चित किया था कि ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर बल्लेबाजी करने के लिए पर्याप्त रूप से फिट रहे, इसलिए फील्डिंग के दौरान उनसे ज्यादा कुछ नहीं कराया गया था | जिसका लाभ टीम को मिला भी, क्योंकि वॉटसन ने मैच जिताऊ पारी खेलकर टीम को खिताब हासिल कराने में अहम भूमिका निभाई |
आईपीएल के पूरे सत्र में सीएसके के लिए पारी की शुरुआत करने वाले वाटसन ने आखिरी चार लीग मैचों में हैमस्ट्रिंग की समस्या के साथ खेला था | उनकी ये समस्या बहुत ज्यादा गंभीर नहीं थी, लेकिन वह 18 मई से फिरोज शाह कोटला में दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ शुरू होने वाले मैच से लेकर अंतिम चार मैचों में उन्हें गेंदबाजी नहीं कराइ गई थी और यहाँ तक कि वे किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ अंतिम लीग मैच में भी चूक गए थे |
जिसके बाद वॉटसन ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ पहले क्वालीफायर में और फिर आईपीएल फाइनल में मुंबई में भी हैदराबाद के खिलाफ गेंदबाजी नहीं की थी | यह सुनिश्चित करने के लिए, कि वाटसन बल्लेबाजी के लिए उपयुक्त रहे, धोनी ने 30-यार्ड के घेरे में उनके लिए मैदान बनवाकर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर की अच्छी देखभाल की थी | साथ ही सीएसके कप्तान ने वॉटसन के लिए एक फील्डिंग स्थिति भी सुनिश्चित की थी, जिसमें उन्हें मैदान पर कम से कम मूव करना पड़े |
जब टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने सीएसके के सीईओ काशी विश्वनाथ से बात की, तो उन्होंने इस बात की पुष्टि की, कि वाटसन चोट से पीड़ित जरूर थे, लेकिन उनकी ये चोट बहुत गंभीर नहीं थी | काशी ने बुधवार को बात करते हुए कहा हैं कि, "यह सच है कि वाटसन 100 प्रतिशत फिट नहीं थे | वह थोड़ी समस्या जरूर थी, लेकिन टीम ने उन्हें फाइनल मुकाबले में खेलने के लिए अच्छा आकार दिया था |"