इमाम-उल-हक ने किया खुलासा की कैसे पीएसएल में न चुने जाने की निराशा ने उन्हें एक बैहतर बल्लेबाज़ बनाया

इमाम-उल-हक

आयरलैंड के खिलाफ एक दिवसीय टेस्ट में 160 रनों का पीछा करते हुए पाकिस्तान अपने पतन के रास्ते पर था, जब उनके तीन सबसे अनुभवी बल्लेबाजों अजहर अली, हेरिस सोहेल और असद शफीक को आयरिश गेंदबाजों ने सिर्फ 14 रन देते हुए मैदान से बाहर कर दिया था | लेकिन, उल्लेखनीय नाबाद 74 की पारी खेलकर डेब्यू करने वाले इमाम-उल-हक ने पाकिस्तान की जीत को सुनिश्चित किया |

क्रिकबज़ से बात करते हुए इमाम ने बताया कि, "मैं मैदान पर सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ उतरा था | जाहिर है कि  उस समय यह दबाव की स्थिति थी, क्योंकि विकेट काफी मुश्किल थी और बल्लेबाजों के लिए भी अनुकूल नहीं थी | लेकिन आत्मविश्वास और साहस आपको किसी भी परिस्थिति से बाहर ले जा सकता है |"

"मुझे पता था कि मैंने कड़ी मेहनत की है और इसका फल जरूर मिलेगा | अपने शॉट्स खेलने के लिए, उस विकेट पर आपको खुद का समर्थन करना पड़ता हैं | मैंने खराब गेंदों पर झपट्टा मारने का फैसला किया | बाबर आज़म और मैंने यह सुनिश्चित किया कि हमे स्कोरबोर्ड पर रनो की रफ़्तार को रोकना नहीं है |"
 
पाकिस्तानी पूर्व कप्तान और मौजूदा मुख्य चयनकर्ता इंजमाम-उल-हक के भतीजे इमाम ने पिछले साल अक्टूबर में श्रीलंका के खिलाफ वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच में डेब्यू किया था, जब घुटने की चोट के कारण अज़हर अली को दौरे से वापस घर बुला लिया गया था | राष्ट्रीय चयनकर्ता के साथ उनके संबंध होने की वजह से उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था | हालांकि, इमाम ने अपने डेब्यू मैच में ही शतकीय पारी खेलकर उन सभी आलोचकों का मुँह बंद कर दिया हैं |

22 वर्षीय बल्लेबाज़ ने कहा कि, "यह दबाव है | मेरा खून का रिश्ता एक वास्तविकता है और इसे अस्वीकारा नहीं जा सकता है | लेकिन, जब मीडिया में भाईचारे के आरोपों की बात आती है, तो मैं उन्हें शब्दों के साथ जवाब देने की कोशिश नहीं करता हूँ | मैं अपने आप को मैदान पर मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रखने की कोशिश करता हूं और उनके सवालो का जवाब मैं अपने बल्ले से देता हूँ | मुझे पता है कि जब मैं प्रदर्शन करना शुरू कर दूंगा, तो ये सारी चीज़े अपने आप ख़त्म हो जाएँगी | लेकिन, साथ ही मुझे इस बात का भी एहसास हुआ कि यह पूरी तरह समाप्त नहीं हो सकता है | जब मैं प्रदर्शन नहीं कर पाऊंगा, तो वे फिर से इस मुद्दे को उठाएंगे |"

"लेकिन, यह मेरी मदद करता है | यह मेरे अंदर एक लड़ाकू की प्रवृत्तियों को जाग्रत करता हैं | यह मुझे में खुद को साबित करने की चाहत को जाग्रत करता है | इसलिए, एक तरह से यह मेरे लिए सकारात्मक चीज़ है |"

साथ ही इमाम ने स्वीकार किया हैं कि, "जब मुझे पीएसएल में नहीं चुना गया था, तो मैं इससे थोड़ा सा परेशान था | मैंने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में ढाई महीने के लंबे प्रशिक्षण के दौरान उस सभी परेशानी और निराशा का सामना किया था | मैं ग्रांट फ्लॉवर (पाकिस्तान बल्लेबाजी कोच) का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिन्होंने मुझे जिम प्रशिक्षण में मदद की और मेरे लिए एक विशेष समय निकाल कर मेरी बल्लेबाजी को बेहतर बनाने के लिए मेरी मदद की | मैंने उस महीने में मैंने कड़ी मेहनत की थी और मैं सर्वशक्तिमान का धन्यवाद करता हूं कि मेरे प्रयासों का मुझे फल मिला |" 

 
 

By Pooja Soni - 21 May, 2018

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