कोलकाता में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की बैठक के साथ ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष नजम सेठी भी देश में ही हैं और उम्मीद के मुताबिक, द्विपक्षीय श्रृंखला खेलने पर भारत और पाकिस्तान के बीच कथित समझौता ज्ञापन पर बात भी हुई हैं, जिसमे पीसीबी ने दावा किया है कि बीसीसीआई ने इसका सम्मान नहीं किया हैं |
सेठी ने ये भी कहा था कि बीसीसीआई को भारतीय टीम को पाकिस्तान में या फिर पाकिस्तान की टीम की भारत में सुरक्षा की चिंता है तो फिर किसी तीसरे देश में भी वह सीरीज को करा सकते हैं | उन्होंने भारतीय सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा था कि बीसीसीआई को जब सरकार की मंजूरी का ही इंतज़ार था, तो फिर उसने हमारे साथ साल 2015 से 2023 तक आठ सालों में पांच द्विपक्षीय सीरीज खेलने का करार क्यों किया था |
हालांकि बीसीसीआई ने कड़ी मेहनत की है और पीसीबी से क्रिकेट संबंधों को बहाल करने के बारे में बात करने से पहले, उनके खिलाड़ियों को नियंत्रण में रखने के लिए कहा है | बीसीसीआई ने ऐसा वाघा सीमा पर पाकिस्तानी तेज गेंदबाज हसन अली की हालिया हरकतों के बाद कहा हैं |
क्रिकेटनेक्स्ट से बात करते हुए बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया हैं कि एक ऐसे देश के साथ क्रिकेट संबंधों को फिर से शुरू करना, जो किसी अन्य देश का सम्मान ही नहीं करता है, ऐसे में केवल सरकार की अनुमति ही मांगना चाहिए | इसके पहले भी पूर्व पाकिस्तानी कप्तान शाहिद अफरीदी ने जम्मू-कश्मीर पर आपत्तिजनक टिप्पणियाँ की थी |
उन्होंने कहा हैं कि, "एक आदर्श दुनिया में, हम भारत में पाकिस्तान की मेजबानी करेंगे और वहां खेलने के लिए भी पाकिस्तान जायँगे | जब हम केवल इच्छा के बारे में बात करते हैं, तो हमारी इच्छा इस प्रकार पीसीबी की इच्छा से भी अधिक होती है | हालांकि, सबसे पहले नजम को यह समझना चाहिए कि बीसीसीआई, भारत सरकार की नीतियों का फैसला नहीं करता है, जिस तरह पीसीबी पाकिस्तान सरकार की नीतियों का फैसला नहीं करता है |"
"हम एक भारतीय संगठन हैं जो भारत के कानूनों से बधे हुए हैं और हमें उनका पालन करना पड़ता है, यह हमारे लिए एक कार्ड नहीं है, बल्कि कानूनी आवश्यकता है | पाकिस्तान में कानून का पालन करना वैकल्पिक हो सकता है, लेकिन भारत में यह अनिवार्य है |"
उन्होंने आगे कहा कि, "इसके अलावा, मैं नजम से अनुरोध करता हूँ, कि पाकिस्तानी क्रिकेटर के हालिया दुर्व्यवहार के मुद्दे को भारत के प्रति अपमान दिखाते हुए और पूर्व क्रिकेटरों द्वारा किए गए अन्य अंधाधुंध कार्यों और अपशब्दों के साथ कठोर निर्णय ले, जो कि क्रिकेट के लिए सही माहौल को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं | मुझे आशा है कि वे कम से कम 'सज्जनता' की अवधारणा को समझे |"