इंडियन प्रीमियर लीग का उदाहरण देते हुए, टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भारतीय खेलों में कारपोरेट समर्थन और पेशेवरपन का पक्ष लिया |
इस साल आईपीएल का 11वां सीजन खेला जा रहा है, जिसकी शुरुआत 7 अप्रैल से हुई हैं | पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार जेएसडब्ल्यू ग्रुप द्वारा काफी टेबल किताब ‘बियोंड द बोर्डरूम’ के विमोचन के दौरान गांगुली ने संवादताओं से बात करते हुए कहा हैं कि, ‘‘आईपीएल इतना अधिक सफल हो गया हैं, क्योंकि इसका संचालन पेशेवर रूप से किया गया हैं, जो कि सबसे महत्वपूर्ण बात है |"
गांगुली ने कहा कि, "हर एक खिलाड़ी, फिर चाहे वह क्रिकेटर हो या फुटबाॅलर या जिम्नास्ट या टेनिस खिलाड़ी, अगर वह महेश (भूपति) जितना अच्छा है, तो उसे अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर दिया जाना चाहिए और इसे राजनीतिक विवादों के चलते दबाना नहीं चाहिए |"
उन्होंने आगे कहा कि, ‘‘इस पेशेवरपन और कारपोरेट समर्थन के बावजूद उन्हें कोई नहीं रोक सकता हैं | उनका मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना होना चाहिए, कि कोई भी खिलाड़ी ओलंपिक या राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक हासिल करे | जिससे कि प्रतिभाओ को खुद को व्यक्त करने और बेहतर बनने का अवसर मिलता है |"
बातचीत के दौरान, गांगुली ने इस बात का भी खलसा किया हैं कि वह भारत के लिए खेलने से पहले कभी भी जिम में नहीं गए थे |