मिताली राज के अनुसार महिला आईपीएल के आयोजन के लिए समय ठीक नहीं

भारतीय महिला टीम की कप्तान मिताली राज का कहना हैं कि बीसीसीआई के पास मजबूत घरेलू ढांचा होने के बाद ही महिलाओं के लिये आईपीएल जैसी प्रतियोगिताओ का आयोजन करना सही फैसला होगा | 

स्पोर्ट्स स्टार की रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को मिताली ने कहा हैं कि, "मुझे लगता हैं कि खिलाड़ियों का पूल होना जरूरी है, जो कि आईपीएल जैसी लीग में खेल पाए | जैसा कि मैंने कहा हैं कि भारत 'ए' टीम में अच्छे खिलाडी हैं | एक बार जब हमारे पास इस तरह के अच्छे खिलाड़ी हो जायेंगे तब महिला आईपीएल का आयोजन करना बुद्धिमत्तापूर्ण होगा | आप किसी भी घरेलू खिलाड़ी को ले सकते हैं, लेकिन फिर भी यहाँ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और घरेलू खिलाड़ी में बड़ा अंतर होगा और ये फैसला महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के खिलाफ भी जा सकता है |"

बीसीसीआई इंडियन प्रीमियर लीग के 11वें स्थान के दौरान महिलाओं के लिये भी प्रदर्शनी मैचों का आयोजन कर रहा है | जिससे कि महिला खिलाड़ी आईपीएल के लिये भी तैयारियां शुरू कर सकती हैं |

उन्होंने कहा हैं कि, "हमने अभी तक भारत 'ए' टीम का गठन करना ही शुरू किया है | इसकी जगह दूसरी टीम का निर्माण करने के लिए दो सालों का समय लगेगा | कुछ युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, लेकिन उन्हें एक्सपोजर दिया जाना चाहिए | तो इसलिए मुझे यकीन है कि एक या दो साल में हमारे पास एक बेहतर गुणवत्ता वाली दूसरा स्ट्रिंग टीम होगी | हमें जेमिमा रॉड्रिक्स, तनिया भाटिया और पूजा वस्त्रकर जैसे युवा खिलाड़ियों में निवेश करने की जरूरत है | इसलिए मेरी राय है कि जब आपके पास मजबूत घरेलू ढांचा हो और बेहतर खिलाड़ी हों तभी उन्हें आईपीएल में मौके देने का सही मतलब बनता हैं |"

टीम इंडिया की अनुभवी तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने भी अपनी टेस्ट कप्तान की राय पर सहमति जताते हुए कहा हैं कि, "यह बिल्कुल सही फैसला होगा | घरेलू ढांचे को थोड़ा और मजबूत बनाये जाने की बहुत जरूरत है |"

साथ ही मिताली ने गुणवत्ता वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम की प्रशंसा भी की, जिन्होंने रविवार को संपन्न हुई एकदिवसीय श्रृंखला में भारत को 3-0 से मात दी | मिताली ने कहा कि, "यह खेल के हर विभाग में एक अनुभवी टीम है | उनके पास एक बल्लेबाजी लाइन-अप है, जो वास्तव में गहरी हो गई है, उनके गेंदबाज़ काफी अनुशासित हैं और निश्चित रूप से उनके पास एक बहुत ही अच्छी फील्डिंग टीम है | हमारे पास  मध्य-क्रम भागीदारी की कमी है | मध्य-क्रम अपनी छाप नहीं छोड़ पाया |"

 
 

By Pooja Soni - 21 Mar, 2018

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