शाकिब-अल-हसन के अनुसार उन्होंने अपने बल्लेबाज़ों को मैदान से वापस नहीं बुलाया था

निदास ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचने के लिए बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला |

बांग्लादेश की पारी के आखिरी ओवर में उन्हें जीत के लिए 6 गेंद में 12 रन की जरुरत थी | गेंदबाज़ी कर रहे इशुरु उडाना ने ओवर की पहली गेंद पर बाउंसर मारा और रन नहीं दिया | दूसरी गेंद पर उडाना ने फिर से बाउंसर मारा, जिससे खिलाड़ी रन आउट हो गया | जिसके बाद बांग्लादेशी कप्तान शाकिब-अल-हसन नाराज हो गए और उन्हें लगा कि साइड अंपायर ने नो बॉल का सिग्नल दिया है, लेकिन स्टम्पस के पास खड़े अंपायर ने उन्हें नो बॉल नहीं दी |

जिसके बाद वे भड़क गए और मैदान से अपने बल्लेबाजों को वापस बुलाने लगे | काफी देर तक मैच रुका ही रहा | लेकिन मामला शांत हो जाने के बाद फिर से मैच शुरू हो गया | और अब बांग्लादेश को 4 गेंद पर 12 रन की जरूरत थी और तीसरी गेंद पर चौका लगा और अगली गेंद पर सिर्फ दो रन ही मिले | बाद में 5वीं गेद पर माहमुदुल्लाह ने छक्का लगाते हुए टीम को जीत हासिल कराई |

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मैच के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए बांग्लादेशी कप्तान शाकिब-अल-हसन ने स्वीकार किया हैं कि उन्हें उन हालातो में शांत हो जाना चाहिए था | उन्होंने कहा कि, "बहुत सी चीज़े ऐसी हुई हैं, जिन्हे नहीं होना चाहिए था | मुझे शांत रहने की आवश्यकता है | मैं वहाँ बहुत ज्यादा खुश और उत्साहित हो गया था | मुझे ये पता होना चाहिए कि अगली बार कैसे प्रतिक्रिया देनी हैं | मैं सावधान रहूँगा |"

उन्होंने कहा कि, "मैंने अपने खिलाड़ियों को मैच के बीच में से वापस नहीं बुलाया था | मैंने उन्हें खेल को  जारी रखने के लिए कहा था | अब आप इसे किस भी तरह से दर्शा सकते हैं | ये आपके ऊपर निर्भर करता है, कि आप इसे किस तरह से ले रहे हैं | बेहतर यही होगा कि हम इस बात को छोड़ कर मैच के बारे में बात करे |"

उन्होंने आगे बताया कि, "ये पूरा विवाद स्कवेयर लेग अंपायर के द्वारा दी गई नो बॉल का हैं, जिसे कि बाद में रद्द करने पर हुआ था | मुझे नहीं लगता कि अंपायरों का ये फैसला सही था | मुझे नहीं पता कि पहली बाउंसर के बाद क्या हुआ, लेकिन दूसरी बाउंसर के बाद अंपायर्स ने पहले नो बॉल दी थी | हम सभी इंसान हैं, हमें इन बातो को भुला देना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए |"

30 वर्षीय ने ये भी कहा कि मैदान पर हुई ये घटना दो टीमों के बीच के संबंधों को खराब नहीं करेगी | उन्होंने कहा कि, "मैदान में जो कुछ भी होता है, वह मैदान के बाहर नहीं होना चाहिए | ईमानदारी से कहूँ तो , हम सभी अच्छे दोस्त हैं | हम एक-दूसरे को बांग्लादेश प्रीमियर लीग और ढाका प्रीमियर लीग में देखते हैं। दोनों बोर्डों के बीच महान संबंध हैं | हम एक-दूसरे की बहुत मदद भी करते हैं | मैं सिर्फ यही चाहता था कि, मेरी टीम को किसी भी कीमत पर जीत हासिल हो और ऐसा ही कुछ उन्हें भी  महसूस होता हैं | मुझे यकीन है कि दोनों टीमें मैदान के बाहर ऐसा कुछ भी नहीं होने देंगी |"

 
 

By Pooja Soni - 17 Mar, 2018

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