कुछ दिनों पहले ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त की गई प्रशासक समिति (CoA) ने खिलाड़ियों के लिए केंद्रीय अनुबंध की घोषणा की हैं, लेकिन राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को अभी भी इंतजार करना पड़ रहा है |
अभी तक राष्ट्रीय चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद, देवांग गांधी और सरनदीप सिंह को बीसीसीआई से उनका नया अनुबंध नहीं दिया गया है | हालांकि इस समिति को अपना एक वर्षीय अनुबंध पूरा किए पांच महीने से अधिक का समय हो गया है |
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार बोर्ड द्वारा बनाया गया अनुबंध वार्षिक बैठक में रखा जाना चाहिए था, लेकिन बोर्ड ने पिछले साल एजीएम नहीं बुलाई थी, जिसकी वजह से यह मामला अभी भी प्रक्रिया में ही है |
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया हैं कि, "खिलाड़ियों का अनुबंध जनरल बॉडी द्वारा भी पास होना जरूरी है | यदि खिलाड़ियों की जरूरत जरुरी है और उनके लिए नियमों में ढील दी गई, तो तब उन्हें चुनने वाले लोगों के लिए ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता हैं? ये बात सही नहीं है कि चयनकर्ताओं को इस तरह से इंतजार करवाया जा रहा हैं |"
उन्होंने आगे कहा कि, "चयनकर्ता पैनल को लेकर यहाँ अन्य कई मुद्दे भी हैं | जब से लोढ़ा पैनल की सिफारिशों के अनुसार चयन समिति के सदस्यों की संख्या को पांच से कम करके तीन कर दिया गया हैं, तब से जतिन परांजपे और गगन खोड़ा की सेवाओं की आवश्यकता नहीं है, लेकिन बोर्ड द्वारा उन्हें अब भी भुगतान किया जाता हैं | यहां तक कि मुख्य चयनकर्ता प्रसाद ने भी अपनी सैलरी बढ़ाने की बात कही | इन सब बातो पर विचार करने की बहुत अधिक आवशयकता है |"