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हाई कोर्ट के अनुसार अगर पानी की कमी होती हैं तो आईपीएल के लिए पानी नहीं दिया जायेगा

हाई कोर्ट के अनुसार अगर पानी की कमी होती हैं तो आईपीएल के लिए पानी नहीं दिया जायेगा

बुधवार को मुंबई उच्च न्यायालय ने कहा था कि अगर पानी की कमी की स्थिति है, तो आईपीएल जैसे मनोरंजक उद्देश्यों के लिए पानी नहीं दिया जा सकता है |

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार न्यायमूर्ति अभय ओका और रियाज छागला की पीठ ने एनजीओ लोकसत्ता आंदोलन द्वारा जनहित याचिका की सुनवाई की थी और दूसरा, आईपीएल 2016 में क्रिकेट पिच को बनाए रखने के लिए पानी का दुरुपयोग किया था |

न्यायाधीशों ने अंतिम निपटान के लिए इस मामले पर पोस्ट करते हुए कहा हैं कि केवल एक ही मुद्दा तय किया जाना चाहिए, वो भी आईपीएल मैचों के लिए जल वितरण में प्राथमिकता के बारे में है | साथ हिन् उन्होंने कहा हैं कि क्रिकेट "बहुमुखी" है और इंटर स्कूल मैचों में शामिल है | मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के वकील ने दोहराया हैं कि यह वर्षा जल संचयन प्रणाली और पिचों के लिए कुओं का उपयोग करते है |
 
बेंच ने ये भी कहा हैं कि किसी दिए गए मामले में राज्य के जल नीति में सूचीबद्ध प्राथमिकता पर जल आवंटन का निर्णय लिया गया है | नीति में पांच श्रेणियां हैं | पीने और स्वच्छता के लिए 'ए' श्रेणी, कृषि के लिए 'बी', वाणिज्य और उद्योग के लिए 'सी', मनोरंजन गतिविधियों के लिए 'डी' और किसी अन्य गतिविधि के लिए 'एफ' श्रेणी हैं | जस्टिस ओका ने कहाँ हैं कि, "हर किसी के हित में है कि आईपीएल 'डी' श्रेणी में आता है |"

मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के वकील ने दोहराया कि वह अपने पिचों के लिए वर्षा की हार्वेस्टिंग प्रणाली और रिंग कुओं से पानी का उपयोग कर रहे है | वही लोकसत्ता के वकील राकेश सिंह ने कहा हैं कि एक आईपीएल मैच के दौरान हजारों आईपीएल दर्शकों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली स्वच्छता सुविधा को 'ए' में वर्गीकृत नहीं किया जाना चाहिए और उसे 'डी' में रखना चाहिए |

 
 

By Pooja Soni - 08 Mar, 2018

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