मंज़ूर दार, जिनका जीवन का सफर कभी भी आसान नहीं था, ने अपने परिवार की सहायता के लिए चार साल से भी अधिक समय तक सुरक्षा गार्ड की नौकरी की हैं |
उन्होंने राज्य टीम के लिए अपना डेब्यू करने के लिए कई वर्षों तक इंतजार किया हैं | लेकिन उनके दिन तब पलट गए, जब वे आईपीएल 2018 की नीलामी में किंग्स इलेवन पंजाब दवारा 20 लाख की राशि में खरीदे जाने पर सुर्खियों में आये थे |
आईपीएल का हिस्सा बनने वाले दार जम्मू और कश्मीर के दूसरे खिलाडी हैं, वही पहले खिलाडी घरेलू कप्तान परवेज रसूल हैं | रसूल शीर्ष स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले जम्मू और कश्मीर के पहले खिलाडी हैं, जिसके बाद वे क्षेत्र में युवाओं के लिए प्रेरणा रहे हैं | साथ ही अनुभवी खिलाडी का मानना हैं कि कश्मीर में क्रिकेट में अच्छी तरह से बदलाव हो रहा हैं और प्रशासन भी बेहतर हो रहा है |
रसूल ने कहा है कि, "अब, हमने कुछ बदलाव देखे हैं | यहाँ सीधे परीक्षण हैं और इसमें काफी निष्पक्ष चयन भी है | अंडर-22 टीम क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई और उन्होंने मुंबई, पंजाब और दिल्ली जैसी टीमों को मात भी दी हैं | जो कि उम्मीद की एक किरण है | हम ने T20 में दो मैच भी जीते हैं | जम्मू और कश्मीर क्रिकेट के लिए चीजें बेहतर हो रही हैं |"
दार का चयन युवाओं के लिए एक मजबूत संदेश है कि यदि आप कड़ी मेहनत करते हैं तो आपको उसका फल जरूर मिलेगा | रसूल ने खिलाड़ियों को पर्याप्त समर्थन प्रदान करने के लिए, अतीत में प्रशासन को दोषी ठहराया था | सुविधाएं मानक रूप में नहीं हैं और खिलाड़ियों को ऐसे वातावरण में काम करना मुश्किल लगता है | ऑलराउंडर को राज्य में सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए बीसीसीआई के प्रशासक समिति से बहुत उम्मीदें हैं |
ऑलराउंडर ने कहा कि, "साल 2014 में मैंने भारत का प्रतिनिधितब किया हैं और उस समय मुझे लगा कि मैं जम्मू और कश्मीर के लिए प्रेरणा हूँगा | लेकिन दुर्भाग्य से, कुछ भी नहीं हुआ, मैं बहुत निराश हूं |"