किरण मोरे के भतीजे का फिटनेस टेस्ट में असफल होने के बावजूद बड़ौदा टीम में हुआ चयन

बड़ौदा क्रिकेट संघ (बीसीए) ने चयन के लिए महत्वपूर्ण मानदंड के रूप में खिलाड़ियों की फिटनेस पर  जोर दिया था |

लेकिन शुक्रवार को विजय हजारे ट्राफी के लिए बड़ौदा टीम के चयन ने, बीसीए की अपनी खुद की नीतियों पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं | फिटनेस टेस्ट में विफल होने के बावजूद, विजय हजारे ट्रॉफी के लिए 15 सदस्यीय टीम में चयनकर्ताओं द्वारा विकेटकीपर विराज भोसले को चुना गया था | जबकि वरिष्ठ खिलाड़ी यूसुफ पठान को टीम में चयन के लिए पूर्व शर्त के तौर पर फिटनेस टेस्ट देने के लिए कहा गया है |

भारत के पूर्व विकेटकीपर किरण मोरे के भतीजे विराज ने 2016 में एक रणजी ट्रॉफी मैच में खेला था | टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार बीसीए के अधिकारियों ने कहा हैं कि भोसले और एक अन्य क्रिकेटर गुर्जिन मान, खिलाड़ियों की फिटनेस का परीक्षण करने के लिए किए गए टेस्ट 20 मीटर की स्प्रिंट, रन ए 3 और यो-यो टेस्ट में विफल रहे |

बीसीए के एक अधिकारी ने बताया हैं कि, "बीसीए मैनेजमेंट ने पहले कहा था कि खिलाड़ियों की फिटनेस बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन अब उन्होंने फिटनेस टेस्ट लिए बिना ही विराज का चयन किया है |  तो फिर ऐसे टेस्ट क्यों लिए जा रहे हैं?" 

एक अधिकारी ने सवाल उठाया हैं कि, "यूसुफ पठान को अब फिटनेस टेस्ट देने के लिए कहा गया है | क्या होगा अगर वह टेस्ट में विफल हो जायेंगे तो? क्या चयनकर्ता यूसुफ को टेस्ट में विफल हो जाने के बाद नज़रअंदाज़ कर देंगे, जबकि विराज जिन्होंने टेस्ट दिया ही नहीं था ?" 

बीसीए के सचिव (प्रभारी) स्नेहल पारिख ने कहा हैं कि, "टीम फिजियो ने फिटनेस रिपोर्ट दी है कि विराज की रिपोर्ट बॉर्डरलाइन पर हैं | फिजियो ने कहा हैं कि वह खेलने के लिए अयोग्य नहीं हैं, इसलिए चयनकर्ताओं ने उन्हें सिर्फ उनके प्रदर्शन के आधार पर ही चुनने का फैसला किया | यूसुफ शनिवार को फिटनेस टेस्ट देंगे |"

वही किरण मोरे ने कहा हैं कि बीसीए की चयन समिति के फैसले से उनका कोई संबंध नहीं है और उन्होंने आगे कुछ भी कहने से इनकार कर दिया |

 
 

By Pooja Soni - 03 Feb, 2018

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