भारतीय टीम ने गुरुवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ छह वनडे मैचों की सीरीज के पहले मैच में जीत हासिल कर लिया हैं |
भारतीय कप्तान विराट कोहली के लिए इस समय कुछ ऐसी समस्या हैं, जिससे वह खुश होंगे | जब भारत की टीम छह मैचों की सीरीज का पहला मैच खेलने उतरी, तो वे टीम में 8 नंबर तक बल्लेबाज़ी कर सकती थी | गेंबाज़ी के नज़रिये से देखे तो, कोहली के पास 6 या 7 गेंदबाज़ो में से चुनाव करने के विकल्प हैं | यह सब उनकी टीम को विरोधी के खिलाफ बहुत बड़ा लाभ होगा |
इसलिए, जब कोहली ने कहा कि इस भारतीय टीम को 2019 के आईसीसी विश्वकप तक पहुंचने के लिए अपना "कोर" तलाश कर लिया है, तो वह टीम वन्यास के बारे में निश्चित है, कि वह प्रभावी रूप से जीत सकते हैं | यह सिर्फ एक विकल्प नहीं है जो कोहली की टीम को इतना खतरनाक दिखाती हैं |
खेल की गति को धीमा करने और फिर उसे बढ़ाने की भारत की ये क्षमता, उनकी जीत के पीछे का एक और कारण है |
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार कोहली ने कहा हैं कि, "हम एक आयामी नहीं बनना चाहते हैं | सभी विकल्प मौजूद हैं | हम कौशल को देखने से पहले उसकी विशेषता को देखते हैं | हम उस व्यक्ति को देखते हैं, जिसने 40 रन बनाए हैं ,क्युकी टीम को उस व्यक्ति से ज्यादा उन रनो की जरुरत हैं, लेकिन रन आउट होने पर खेल की स्थिति को ये बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं करता हैं | हम गेम चेंजर्स की तलाश में हैं, हम उन लोगों की तलाश करते हैं जो दबाव को संभाल लेते हैं |"
यहाँ तक कि दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फाफ डुप्लेसिस को डरबन खेल के बाद यह कहना पड़ा था कि, "उन्होंने खेल को धीमा कर दिया था, वे मध्यम अवधि के माध्यम से में विकेट ले रहे थे | यदि आप मध्यम अवधि के माध्यम से विकेट ले सकते हैं, तो आप बहुत सारे वनडे मैच जीत सकते हैं | लेकिन हम ऐसा नहीं कर सके |"