दिलीप वेंगसरकर ने दक्षिण अफ्रीका में असमान पिच को लेके आईसीसी को दी ये सलाह

दक्षिण अफ्रीका के वांडरर्स में तीसरे टेस्ट के दौरान बल्लेबाजों को गेंद खेलने में काफी परेशानी हो रही थी, जो क़ि देखने में बिलकुल भी अच्छा नहीं लग रहा था | साथ ही वह खतरनाक भी थी |

उन दर्शको में से एक पूर्व भारतीय कप्तान और चयनकर्ताओं के प्रमुख दिलीप वेंगसरकर भी थे, लेकिन उनके विश्वास में सर्वसम्मति थी, कि ऐसी पिचे टेस्ट क्रिकेट के लिए खराब सूचना दे रही हैं | 
 
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, "दक्षिण अफ्रीका में विकेट बहुत ही खराब थी | ये समय आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल) को मूल्यांकन करने और तटस्थ क्यूरेटर को चुनने का है, जो दुनिया भर में विकेट तैयार करने की देखरेख करेगा | जब आईसीसी के तटस्थ अंपायर होते हैं, तो तटस्थ क्यूरेटर क्यों नहीं |"

वांडरर्स पिच को अपनी असमान उछाल के लिए गंभीर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा हैं | पहले दिन से ही यहाँ खतरा बना हुआ था, लेकिन जब जसप्रीत बुमराह की डिलीवरी ने डीन एल्गर को प्रभावित किया, जब सभी को इस बात का ध्यान आया |  

वेंगसरकर ने कहा कि, "तीसरा टेस्ट मैच ख़त्म होने के करीब था | मुझे यकीन है कि आईसीसी दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट को मजबूत करेगा | पिच बहुत ही खतरनाक थी और खिलाड़ियों को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंच सकता था | इसमें गंभीर चोट भी लग सकती थी | ऐसी विकेट कहीं भी नहीं होनी  चाहिए |"

वेंगसरकर न सिर्फ दक्षिण अफ्रीका की गलती को ही बताया, बल्कि ये भी बताया कि भारत भी उन पिचों की तैयारी करने में दोषी है जो उनके हित के अनुरूप हैं | पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि, "लोगों को हमेशा शिकायत होती है कि जब वे भारत दौरे पर आते हैं, तो उन्हें तैयार विकेटों का सामना करना पड़ता है | आप देखेंगे (ऑफ स्पिनर) रविचंद्रन अश्विन एक टेस्ट मैच में पहले ओवर की गेंदबाजी कर रहे हैं जो बहुत ही निराशाजनक है | जबकि (ऑफ स्पिनर के रूप में) अश्विन को चौथे या पांचवें दिन में खेलने के लिए आना चाहिए | जब ​​वह पहले ओवर में गेंदबाजी कर रहे हैं, तो यह टेस्ट क्रिकेट के लिए अच्छा विज्ञापन नहीं  |"

पूर्व भारतीय कप्तान को लगता हैं कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए कि दर्शको को उनके पैसे की कीमत वसूल हो |
 
उन्होंने कहा, "यदि आप दर्शको को आकर्षित करना चाहते हैं, तो आपके पास बाउंस के साथ एक विकेट होना चाहिए, जो कि बल्लेबाजों, गेंदबाजों और स्पिनरों की मदद करता है | लोगों को इसके लिए भुगतान करना चाहिए और गुणवत्ता वाले क्रिकेट देखना चाहिए |"

उन्होंने आगे कहा कि, "ईमानदारी से कहुँ तो, हम बहुत अधिक अति-आत्मविश्वास के साथ दक्षिण अफ्रीका गए थे, क्योंकि जब हम घर में मैच खेल रहे थे, तो हम पूरे वर्ष बहुत अच्छे थे और हर मैच जीत रहे थे | आखिर में, आप बहुत सारी चीजें कह सकते हैं | खिलाड़ियों को विकेटों और दक्षिण अफ्रीकी परिस्थितियों के आदी होने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला | यदि यह पांच मैचों की टेस्ट सीरीज होती तो, तो हम ये सीरीज जीत सकते थे |"

 
 

By Pooja Soni - 30 Jan, 2018

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