पूर्व भारतीय कप्तान क्रिस श्रीकांत का मानना है कि हाल ही में सम्पन हुए सेंच्युरियन टेस्ट में भारतीय क्रिकेट टीम की हार का कारण दोनों पारी में सामूहिक बल्लेबाजी की विफलता है |
टीओआई के लिए अपने कॉलम में, श्रीकांत ने सेंच्युरियन में भारत की कमजोर बल्लेबाजी पर जोर देते हुए लिखा हैं कि, "दूसरे टेस्ट में हार की बात करना एक शर्मिंदगी पर पर्दा डालने जैसा हैं | दूसरी पारी में बल्लेबाजों का आत्मसमर्पण करना, इस बात को साबित करता हैं कि उनके पास लड़ाई करने की इच्छा की कमी थी |"
58 वर्षीय पूर्व भारतीय कप्तान ने लिखा कि, "मैं जिस तरह से भारतीय बल्लेबाजों ने अपने विकेट गवाए, मैं उस तरीके से सहमत नहीं हूं, लेकिन मैं ये कह सकता हु दक्षिण अफ्रीका की गेंदबाजी उतनी ही खतरनाक नहीं थी जितना कि इसे बनाया गया था और यही वजह उस खेल की कमी थी, जो कि इस खेल का मूल्य था | एक ही समय में 287 का लक्ष्य आसान नहीं था, लेकिन ये असंभव भी नहीं था |"
अधिकांश विशेषज्ञों की तरह श्रीकांत ने भी कहा कि, भारतीय कप्तान के लिए समर्थन की कमी भी इसका एक कारण हैं | उन्होंने लिखा कि, "मेरा पूरा समर्थन विराट कोहली के लिए है | जिस तरह से उन्होंने पहली पारी में गेंदबाजी को संभाला था, उन्होंने लोगो को विश्वास दिलाया था कि वह एक अलग आक्रमण के खिलाफ एक अलग विकेट पर खेल रहे थे | वह अपने शीर्ष क्रम सहयोगियों से समर्थन प्राप्त करने योग्य थे | "
"मुझे उम्मीद थी कि चेस के दौरान बल्लेबाज बेहतर प्रदर्शन करेंगे | लेकिन दिन के अंत में यह टीम अच्छा गेंदबाजों और एक महान बल्लेबाज की टीम की तरह लग रही थी |"
श्रीकांत भारत के तेज गेंदबाजों और अश्विन को दक्षिण अफ्रीका में दोनों टेस्ट मैचों में अच्छा प्रदर्शन देख कर काफी खुश थे |
उन्होंने लिखा कि, "केप टाउन में पहली पारी में भारतीय गेंदबाजों ने जरुरत से ज्यादा 40 रन दिए थे, उसे छोड़कर, दूसरे मैच में बहुत ही बढ़िया काम किया था | मेजबान को सस्ते में गेंदबाजी करके उन्होंने दूसरी पारी में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया | उनके गेंदबाजों से बेहतर कुछ भी नहीं हो सकता था |"