जब से भारत केप टाउन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहला टेस्ट मैच हारा हैं, तब से इस विषय पर जोरो से चर्चा हो रही हैं कि क्या भारत को वार्म-उप मैच खेला जाना चाहिए |
जिसके बाद हाल ही में पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने भी कहा है कि भारत को वार्म-उप मैच खेलना चाहिए था, जिससे खिलाड़ियों को पहले टेस्ट मैच में खेलने में मदद मिलती | भारत को आम तौर पर विदेशो में टेस्ट में, और पहले टेस्ट में संघर्ष करते हुए देखा गया हैं और गावस्कर ने कहा हैं कि अगर भारत ने अभ्यास किया होता, तो इससे अपरिचितता की भावना थोड़ी कम हो जाती |
टीओआई के एक कॉलम में सुनील गावस्कर ने लिखा हैं कि, "टीम के थिंक टैंक की सोच कुछ भी रही हो, लेकिन उन्हें अभ्यास मैच खेलने चाहिए थे | इसके पीछे कि सीधी वजह ये है कि भारतीय टीम विदेशी दौरों पर पहले मैच में हमेशा लडख़ड़ाई है |"
"अगर वे दो वार्मअप मैच खेलते तो काफी हद तक वे अफ़्रीकी टीम की तेज गेंदबाजी से तालमेल बैठा लेते | उनके पास एक साढ़े छह फुट का गेंदबाज नेट में भी होना चाहिए था | इससे उन्हें मोर्नी मोर्केल की गेंदबाजी का अंदाजा लग जाता | मुझे ये कहते हुए दुख हो रहा है कि तैयारी का स्तर बहुत ही निचला रहा हैं और वैकल्पिक अभ्यास के विकल्प को हमेशा के लिए बंद ही कर देना चाहिए |"
उन्होंने लिखा कि, "सिर्फ कोच और कप्तान को यह निर्णय करना चाहिए कि किस खिलाड़ी को आराम करना हैं, न कि खुद खिलाड़ी इसका फैसला लें | विकल्प देने से अधिकतर खिलाड़ी अभ्यास करना पसंद नहीं करते और टेस्ट मैच से पहले और उसके बाद भी हमें यही देखने को मिलता हैं |"
पूर्व कप्तान ने लिखा कि, "मैं हमेशा से टीम के साथ उनके परिवार को रखने के पक्ष में रहा हु | जब ऑफिस जाने वाला व्यक्ति रोज शाम को अपने परिवार से मिल सकते है, तो फिर खिलाड़ी क्यों नहीं | लेकिन ऑफिस का समय ऑफिस का ही होना चाहिए और टेस्ट मैच के लिए अभ्यास करना और अपनी तैयारियों को पुख्ता करना एक तरह से ऑफिस जाना ही कहलाता है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा हैं |"
"सबसे ज्यादा निराशाजनक बात तो ये हो रही हैं कि टेस्ट मैच खत्म होने के अगले दिन जो टेस्ट का पांचवां दिन था, वैकल्पिक अभ्यास का मतलब यह हुआ कि छह रिजर्व खिलाडिय़ों में से सिर्फ चार ही अभ्यास करने उतरे | बारिश कि वजह से तीसरा दिन करब हो जाने के बाद थकान का तो कोई सवाल ही नहीं बनता और तेज गेंदबाजों को छोड़कर सभी खिलाडिय़ों को अभ्यास करना चाहिए था |"
"मैच के खत्म हो जाने के बाद, ग्राउंड्समैन को यह संदेश दिया जाना चाहिए था, कि वह उस पर पानी न डाले, ताकि खिलाड़ी उसी पिच पर अभ्यास कर सके, जिस पर कि उन्हें मुश्किल हुई थी | इसके बाद दूसरे दिन टीम को यात्रा करनी चाहिए थी, तो उस दिन अभ्यास का समय कम था | जब आप हारते हैं तो अपनी गलतियों को सुधारने के लिए आपको अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है |"
"भारत अपना पहला टेस्ट मैच हार चका हैं, लेकिन उनके पास अभी श्रृंखला जीतने के मौके हैं | पहला टेस्ट मैच हारने के बाद, तीन मैचों की सीरीज में वापसी करना कभी आसान नहीं होता है, लेकिन दो साल पहले भारतीय टीम ने श्रीलंका में ऐसा किया है और अच्छी तरह से वे इसे फिर से कर सकते हैं |"