कोहली ने अपने बयान में कहा था कि रोहित को घरेलु मैदान पर अच्छे फॉर्म को देखकर ही टीम में चुना गया था | लेकिन इसके विपरीत अजिंक्य रहाणे के व्यक्तिगत प्रशिक्षक प्रवीण आमरे विराट की इस बात से बिलकुल भी प्रभावित नहीं हुए |
आमरे का कहना हैं कि ने घरेलु मैदान पर लगातार रन बनाना और विदेशो में ऐसा करना दोनो ही पूरी तरह से अलग चीजें हैं, और रहाणे कप्तान कोहली और मुख्य कोच रवि शास्त्री का समर्थन पाने के पुरे हकदार थे |
क्रिकेटनेक्स्ट की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा हैं कि, "मुझे लगता है कि ये वो समय है जब रहाणे को कोहली और शास्त्री की मदद की जरूरत थी, क्योंकि उनकी श्रीलंका के खिलाफ सिर्फ एक खराब सीरीज थी और वो भी भारतीय सरजमीं पर है |"
उन्होंने कहा कि, "जब वेस्ट इंडीज में मैन ऑफ द सीरीज पुरस्कार जीतने के बाद उन्हें वनडे टीम से हटा दिया गया था, तब वह कोई समस्या नहीं थी, क्योंकि वह पहले टीम के खिलाड़ियों के लिए जगह भर रहे थे | वे टीम में लौटने कि उम्मीद कर रहे थे | लेकिन अगले 18 महीनों में टीम इंडिया के लिए वास्तविक परीक्षा की शुरुआत के रूप में, पहले टेस्ट में टेस्ट टीम के उप-कप्तान को न लिया जाना वास्तव में चौंकाने वाला था |"
उन्होंने बताया कि, "आप एक टेस्ट बल्लेबाज़ को सिर्फ इसीलिए टीम से बाहर नहीं कर सकते हैं, क्यूंकि उनका फॉर्म थोड़ा ख़राब है, ना ही आप उन्हें एक ऐसे बल्लेबाज़ से बदल दे, जिन्होंने वनडे में, धीमी भारतीय विकेटों पे रन बनाये हो अगर ऐसा होता तो विशेषज्ञ जैसी कोई चीज़ ही नहीं होती | मैं रहाणे के सबसे बड़े आलोचकों में से एक हूँ और उनसे बिलकुल सच कहता हु | लेकिन यहाँ मैं रहाणे के समर्थन में खड़ा रहूँगा और यह बताना चाहूंगा की उन्होंने इस श्रंख्ला के लिए कड़ी मेहनत की है |"
उन्होंने उदास होकर कहा कि, "उम्मीद है, कि उसे श्रृंखला में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए अवसर मिल जायेंगे | मैं ने खुद दक्षिण अफ्रीका में मैच खेला हैं और मैं आपको बता सकता हूं कि एक ही समय में गति और स्विंग होने पर यह एक अलग ही गेंद का खेल है | मुझे लगता हैं कि यह रहाणे के लिए अपनी स्तिथि को मज़बूत बनाने के लिए एकदम सही स्थिति थी |"