अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा किए गए नवीनतम अपडेट के साथ ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को गंभीर असमंसज की परिस्तिथियों का सामना करना पड़ रहा है |
हाल ही में आईसीसी ने अप्रैल-मई के माह को केवल इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लिए ही खाली रखा था | जिसका मुख अर्थ यह था कि आईपीएल के दौरान अन्य देश आईसीसी से अंतरराष्ट्रीय खेलों को निर्धारित करने के लिए कोई सवाल न पूछे |
यह बात सभी बहुत ही अच्छे से जानते हैं कि पाकिस्तानी क्रिकेटरों को दुनिया की सर्वाधिक लोकप्रिय T20 लीग में शामिल होने की अनुमति नहीं है | इसलिए, आईसीसी द्वारा किए गए इस तरह के विवादास्पद फैसले के साथ ही, पाकिस्तान इस समय के दौरान खुद को बेवकूफ बनता हुआ देख सकता है | इसका एक और अन्य विकल्प यह था कि टीम गर्मी की कार्रवाई शुरू होने से पहले, इंग्लैंड का सामना कर सकती थी | लेकिन इंग्लैंड के पास पहले ही इस दौरान खुद का घरेलू मैचों का कार्यक्रम निर्धारित हैं |
इस बात के कोई भी अवसर नहीं हैं कि पाकिस्तानी क्रिकेटरों को आईपीएल में वास्तव में शामिल किया जा सकता था | दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव बहुत ही अधिक तीव्र है | इसलिए, इन दो महीनो में बेकार बैठे रहने से बचने के लिए, पीसीबी उस दौरान सहयोगी राष्ट्रों का सामना करने के लिए उत्सुक है |
लेकिन दो महीने में सिर्फ पांच दिन के खेल का सौदा अच्छा नहीं है | पाकिस्तान ने अपने प्रस्तावित एफ़टीपी में नीदरलैंड्स को भी शामिल किया हैं | लेकिन अभी तक इसे अंतिम रूप नहीं दिया गया हैं, क्योंकि 2018 आईपीएल संस्करण की चाबी अभी सामने आना बाकी हैं | पूर्व क्रिकेटरों ने इस मुद्दे पर पीसीबी को जल्द ही फैसला लेने को कहा हैं |
द एक्स्प्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसा पूर्व पाकिस्तानी टेस्ट क्रिकेटर जलालुद्दीन ने कहा हैं कि, "यह समय बोर्ड के लिए विचार करने का है, क्योंकि उन्हें आयरलैंड के अलावा और विरोधी टीमों को मिलना होगा, जो कि सिर्फ एक पूरक है, क्योंकि इसके अलावा हमारे पास और कोई अन्य विकल्प नहीं हैं | बोर्ड और टीम के लिए यह एक विलंब है कि वे सिर्फ स्लॉट्स भर रहे हैं और सहयोगी टीमों के साथ खेलने के अलावा और कुछ नहीं कर रहे हैं |"