पाकिस्तान, आईसीसी के प्रस्तावित भविष्य के दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) में कम मैच के मिलने से बहुत निराश है |
नए संभावित एफटीपी में पाकिस्तान को सिर्फ 38 वनडे मैच ही मिले हैं, जो अन्य टीमों के मुकाबले सबसे कम हैं | सिंगापुर में हुई आईसीसी के मुख्य कार्यकारियों की बैठक में चार साल के संभावित एफटीपी पर बात की गई थी, जिसमें पाकिस्तान को केवल 28 टेस्ट मैच मिले हैं, जो कि न्यूजीलैंड के बराबर ही हैं | सिर्फ जिम्बाब्वे, अफगानिस्तान और आयरलैंड को ही इससे कम मैच दिए गए हैं |
जबकि भारत को 37, इंग्लैंड को 46 और ऑस्ट्रेलिया को 40 टेस्ट दिए गए हैं | यहां तक कि कमजोर माने जाने वाले बांग्लादेश को 35 टेस्ट मिले हैं जो पाकिस्तान से भी 25 प्रतिशत अधिक है |
नए संभावित एफटीपी में पाकिस्तान को 38 वनडे दिए गए हैं, जो कि सभी टीमों में सबसे कम हैं | यहां तक कि अफगानिस्तान को 41, जिम्बाब्वे को 40 और आयरलैंड को उससे भी अधिक 42 वनडे मैच मिले हैं | दूसरी तरफ भारत को 61 वनडे, वेस्टइंडीज को 62 और श्रीलंका को 48 वनडे दिये गए हैं | जबकि अब तक वेस्टइंडीज ने विश्व कप के लिए क्वालीफाई भी नहीं किया है |
पाकिस्तान 4 साल में केवल 38 T20 अंतरराष्ट्रीय मैच ही खेलेगा, जबकि भारत 61, वेस्टइंडीज 55 और न्यूजीलैंड 49 मैच खेलेंगे | यहां तक कि आयरलैंड को भी पाकिस्तान से छह टी-20 अधिक दिए गए हैं।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष नजम सेठी ने भी दोहराया हैं कि भारत के साथ द्विपक्षीय श्रृंखला बहाल करने का मुद्दा सुलझने के बाद ही वे नए एफटीपी को मंजूरी देंगे | सेठी ने कहा हैं कि या तो भारत को द्विपक्षीय सीरीज खेलनी चाहिए या फिर लगभग छह करोड़ डॉलर के मुआवजे का भुगतान करे |
वही पीसीबी के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी आरिफ अली अब्बासी भी पाकिस्तान को एफटीपी में कम मैच के मिलने से परेशान हैं | उन्होंने कहा हैं कि, "आईसीसी का पीसीबी के साथ इस तरह के व्यवहार का कारण हैं उनके प्रबंधन कि सही संरचना का न होना और न ही उनके पास आवश्यक ज्ञान है |"
अब्बासी ने आगे कहा कि, "वे सही समय पर सही फैसला नहीं लेते हैं, इसलिए आईसीसी को चुनौती देने का कोई फायदा नहीं है | न ही आईसीसी इसके बारे में कुछ भी करेगा और न ही बीसीसीआई अपनी सरकार के खिलाफ फैसला लेंगे |"
अब्बासी का मन्ना हैं कि आईसीसी ने पाकिस्तान के साथ पक्षपात किया हैं | उन्होंने कहा कि, "वे कुछ समय से पाकिस्तान के गलत व्यवहार कर रहे हैं | यह बहुत ही शर्मनाक है | पाकिस्तान ने साल 2017 में विभिन्न प्रारूपों में रैंकिंग चार्ट में शीर्ष स्थान पर कब्जा किया हैं और उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती है, लेकिन फिर भी इसे सहयोगी देशों की तुलना में कम मैच दिया गया |"