असम का कोई भी खिलाड़ी अभी तक भारतीय क्रिकेट टीम के लिए नहीं खेला है| लेकिन रियान पराग ऐसा करने वाले पहले खिलाड़ी बनने का सपना देख रहे हैं|
पराग आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के अपने ट्रायल में भाग लेने के बाद से ही रॉयल्स के लिए खेलना चाह रहे थे| स्पोर्टस्टार से बात करत्ते हुए पराग ने कहा हैं कि, ''मैंने सही ढंग से अच्छा प्रदर्शन किया था और कॉल की उम्मीद कर रहा था| लेकिन नीलामी में अंत में नाम होना थोड़ा तनावपूर्ण था|"
मुंबई के खिलाफ खेले गए मुकाबले में रनआउट होने से पहले पराग ने 29 गेंदों पर 43 रन बनाये थे| उन्होंने कहा कि स्मिथ मिडिल में बहुत मददगार थे| पराग ने कहा हैं कि, "उन्होंने मुझे शांत किया और मुझे अपना प्राकृतिक खेल खेलने के लिए कहा| कुलमिलाकर यह मेरे लिए एक अच्छा मैच था, क्योंकि मैं अपनी टीम की जीत में योगदान देने में सक्षम था|"
उन्होंने कहा हैं कि, "राजस्थान रॉयल्स में माहौल बहुत ही दोस्ताना और घरेलू है| यहाँ कोई जूनियर-सीनियर नहीं है| बेन स्टोक्स, जोस बटलर और स्टीव जैसे सीनियर किसी भी समय चर्चा के लिए उपस्थित होते होते हैं|"
17 वर्षीय का लक्ष्य उनके जैसा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बनना है और कहा कि, "जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया, तो मेरे पिताजी (पराग दास, जिन्होंने असम के लिए 43 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे) ने कहा कि मुझे एक लक्ष्य रखना चाहिए| मैंने उनसे कहा कि मैं सीनियर भारतीय टीम के लिए खेलना चाहता हूँ|"
अपने पिता को क्रिकेट खेलते हुए देखने के बाद ही पराग की भी खेल में दिलचस्पी बढ़ी| उन्होंने कहा यहीं कि, "वह मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा रहे हैं| मैं अपने पहले कोच नवाब अली और असम क्रिकेट एसोसिएशन का भी आभारी हूँ| असम की परिस्थितियाँ क्रिकेट के लिए अनुकूल नहीं हैं, क्योंकि यहाँ हर समय बारिश होती रहती हैं|"
वह असम के और युवाओं को क्रिकेट के लिए प्रेरित करने के लिए खुश होंगे| उन्होंने कहा हैं कि, "मैं खुद अभी भी युवा हूँ| लेकिन मैं उन्हें एक सपना देखने के बारे में और उस सपने का पीछा करने के बारे में बताऊंगा|"