विश्वकप 2019 को जीतने की प्रबल दावेदार मानी जा रही भारतीय टीम के विश्वकप सफर का अंत बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से हुआ| सबसे शानदार टॉप ऑर्डर के फ़ेल होने के बाद एक शानदार वापसी और फिर सब कुछ ख़त्म| विराट कोहली और उनकी टीम की इंग्लैंड में कहानी को बयाँ करना थोड़ा मुश्किल है|
भारत को विश्वकप शुरू होने से पहले ही इसका प्रबल दावेदार माना जा रहा था| भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में भी बाकी 7 टीमों से बेहतर मानी जा रही थी| इंडिया विश्वकप जीतने की प्रबल दावेदार थी और ऐसा हो भी क्यूँ ना, उन्होंने साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में सीरीज जीती थी| लेकिन उन जीतों ने ही भारतीय टीम की कुछ खामियों को भी उजागर किया|
भारत और न्यूजीलैंड के बीच मेनचेस्टर में सेमीफाइनल को लेकर मुख्य कोच रवि शास्त्री एक बार फिर अपने उसी आत्मविश्वास पर थे|
"हम हर एक मैच को एक नए गेम की तरह देखते। विपक्ष मायने नहीं रखता। हमारा काम है की हमें वहां जाए और अपना काम करे। अकेले के और एक टीम के तौर पर। आप लोग इसे सेमीफाइनल कह सकते है लेकिन हमारे लिए ये सिर्फ एक गेम है।" रवि शास्त्री ने कहा|
हालाँकि, क्या भारतीय टीम ने सही में अपनी मजबूती और कमजोरियों पर ध्यान दिया है ? अगर वर्ल्डकप को छोड़ दे, क्या ये कहना सही नहीं होगा कि लम्बे समय से चली आ रही कई समस्याओं को सुलझाने में टीम प्रबंधन नाकामयाब रहा है|
हार के बाद विराट कोहली ने कहा "खराब क्रिकेट के 45 मिनट" ने उन्हें इस टूर्नामेंट से बाहर करवा दिया, लेकिन क्या ये सही में इतना आसन था|
नंबर 4 पर बल्लेबाजी कौन करेगा
नंबर 4 पर कौन बल्लेबाजी करेगा ? ये समस्या किसी भी भारतीय से छुपी नहीं है| टीम प्रबंधन द्वारा विजय शंकर को नंबर 4 के लिए टीम में शामिल किया गया लेकिन उन्हें तब तक मौका नहीं मिला जब शिखर धवन चोटिल हुए और लोकेश राहुल को ओपनिंग के लिए भेजा गया| इसके बाद विजय शंकर चोटिल हुए और ऋषभ पंत को नंबर 4 पर भेजा गया| भारत विश्वकप 2015 से लेकर अब तक 10 से भी अधिक खिलाड़ियों को इस स्थान पर शामिल कर चूका है लेकिन कोई भी टिक नहीं सका|
ओपनर बाहर होने पर विकेटकीपर शामिल हुआ और आलराउंडर बाहर होने पर अतिरिक्त ओपनर
विश्वकप में जब शिखर धवन चोटिल हुए तो ये टीम के लिए एक बड़ी समस्या का विषय था लेकिन टीम प्रबंधन ने एक ओपनर के स्थान पर ऋषभ पंत को टीम में शामिल किया| इसके बाद आलराउंडर विजय शंकर चोटिल हुए और उनकी जगह अतिरिक्त ओपनर के तौर पर मयंक अग्रवाल को शामिल किया गया जिन्होंने अभी तक वनडे में डेब्यू भी नहीं किया है|
महेंद्र सिंह धोनी की अनसुलझी पहेली
टीम प्रबंधन को अभी तक समझ नहीं आ रहा है की महेंद्र सिंह धोनी का रोल टीम में क्या है| ना तो वो उन्हें पूर्ण रूप से एक फिनिशर बनने देना चाह रहे और न ही उन्हें मध्यमक्रम में बल्लेबाजी मिल रही है| 2019 के शुरुआत से धोनी नंबर 5 पर 10 पारियां खेल चुके है और यहाँ तक कि ऑस्ट्रेलिया में मिली जीत के दौरान तो उन्होंने नंबर 4 पर 87 रनों की मैच जिताऊ पारी भी खेली थी| लेकिन सेमीफाइनल में उनसे पहले हार्दिक पांड्या और दिनेश कार्तिक को भेजा गया और उन्हें ऐसी परिस्थिति में भेजा गया जब उनके बाद कोई खिलाड़ी ही नहीं था बल्लेबाजी करने को|