मोहम्मद शमी के कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी ने मैनचेस्टर में ओल्ड ट्रैफर्ड में न्यूजीलैंड के खिलाफ आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल मुकाबले से अपने शिष्य के बहिष्कार पर हैरानी जताई हैं|
भारतीय टीम के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए, बदरुद्दीन ने कहा हैं कि उन्हें लगा था कि शमी का श्रीलंका के खिलाफ खेल से बाहर होना टीम प्रबंधन का फैसला था, ताकि उन्हें नॉकआउट चरण के लिए तरोताजा रखा जा सके|
आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा हैं कि, "हैरानी भरा | चार मैचों में आपके लिए 14 विकेट लेने के बाद आप किसी को ऐसे कैसे बाहर कर सकते हैं? आप अपने तेज गेंदबाजों से और क्या उम्मीद करते हैं? मुझे लगा कि लंका से उन्हें बाहर रखने का कारण उन्हें नाकआउट के लिए तरोताज़ा रखने का एक प्रयास था | जाहिर है, मेरा ऐसा सोचना गलत था |"
बदरुद्दीन ने यह भी कहा कि वह बल्लेबाजी ताकत को बढ़ाने के लिए शमी को छोड़ने के तर्क से बिलकुल भी सहमत नहीं हैं, यह देखते हुए कि अगर शीर्ष छह विफल रहता है तो एक अतिरिक्त बल्लेबाज से थोड़ी मदद मिल सकती हैं|
उन्होंने कहा कि, "वास्तव में? यदि आपको बल्लेबाजी के लिए शमी या भुवी में से किसी एक को बाहर करना है, तो मुझे लगता है कि हम वैसे भी खेल खो रहे हैं| निष्पक्ष होते हुए, यदि शीर्ष छह काम नहीं कर सकते हैं, तो शेष भी नहीं कर पाएंगे| उनकी भूमिका गेंद के साथ खेल जीतने की हैं| मुझे लगता है कि टूर्नामेंट में शुरुआत में मौका नहीं मिल पाने के बावजूद उन्होंने खुद को साबित किया है|"
शमी के कोच ने यह भी कहा कि विश्वकप में शमी की फिटनेस को लेकर कोई समस्या नहीं थी| उन्होंने आगे कहा हैं कि, "मैंने आखिरी बार वेस्ट इंडीज के खेल के बाद उनसे बात की थी और मुझे लगता है कि उन्होंने जो लय बरक़रार रहकी थी, वह इस बात का पर्याप्त सबूत था कि वह बेहद फिट हैं| अगर उन्हें कल या उससे पहले उन्हें कोई ताजा चोट लगी होगी, तो मुझे इसकी जानकारी नहीं है|"